देखें वीडियो: 75 साल पुराना पंडित नेहरू द्वारा फहराया हुआ तिरंगा हो रहा नष्ट, लग गए है पानी के दाग, बचाने की कोशिश
By आजाद खान | Published: July 28, 2022 02:12 PM2022-07-28T14:12:04+5:302022-07-28T14:16:43+5:30
बताया जा रहा है कि इस तिरंगे का इतिहास बहुत पुराना है। इसे सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फहराया था। इसके बाद इस तिरंगे को देव नागर के दादा स्व.मेजर जनरल गणपत राम नागर द्वारा उन्हें मिला था जिसे वह आज तक संभाल कर रखे है।
मुंबई: 75 साल पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा फहराए गए तिरंगे बचाने की कोशिश की जा रही है। इस तिरंगे के देख रेख करने वाले देव नागर का कहना है कि अनमोल धरोहर है और इसका संरक्षण होना चाहिए। नागर ने बताया कि इस तिरंगे पर दो जगह से तिरंगा क्षतिग्रस्त हो गया है साथ ही साथ इस पर पानी के दाग भी लग गए है। इसका सही से संरक्षण हो पाए इसलिए नागर पुणे आए हुए है।
आपको बता दें कि नागर को यह तिरंगा उनके दादा स्व.मेजर जनरल गणपत राम नागर से उन्हें मिला था। तब से वह इसे संभाल कर रखते है और इसकी संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करते है।
पुणे पहुंचा 75 साल पुराना तिरंगा
75 साल पुराने इस तिरंगे को मूल रूप से हस्तिनापुर निवासी और वर्तमान में देहरादून में प्रिंसीपल देव नागर ने कई सालों से इसे संभाल कर रखा है। वे अब इस तिरंगे को लेकर पुणे गए है जहां इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया है। नागर पुणे इस लिए भी गए है कि वे इस तिरंगे के संरक्षण के लिए विशेषज्ञों से बात कर पाए।
#WATCH महाराष्ट्र: पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1946 में फहराया गया तिरंगा सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद और कारगिल विजय दिवस के मौके पर UP के मेरठ से सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने के लिए पूणे पहुंचा। (26.07) pic.twitter.com/gghTFLnSgX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2022
पुणे में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करते हुए नागर ने कहा, "24 नवंबर 1946 को मेरठ के विक्टोरिया पार्क में आजादी से पहले कांग्रेस का आखिरी सत्र आयोजित था, इसी समय नेहरू जी ने केंद्र में पूर्ण चरखे की छवि वाला तिरंगा फहराया था।"
इस तिरंगे का कितना पुराना इतिहास है
इस तिरंगे का बहुत पुराना इतिहास है। इस तिरंगे को सबसे पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1946 में फहराया गया था, फिर इसे सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद और कारगिल विजय दिवस के मौके पर भी इस तिरंगा को लहराया गया था।
मेरठ के मेजर जनरल कर्नल गणपत राम नागर के पोते देव नागर ने तिरंगे को सहेज कर रखा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2022
देव नागर ने कहा, "24 नवंबर 1946 को मेरठ के विक्टोरिया पार्क में आजादी से पहले कांग्रेस का आखिरी सत्र आयोजित था, इसी समय नेहरू जी ने केंद्र में पूर्ण चरखे की छवि वाला तिरंगा फहराया था।"(26.07) pic.twitter.com/tsoXmRCdCK
तिरंगे पर आ गए है दाग, पड़ गई है पानी
देव नागर ने बताया कि इस अनमोल धरोहर पर पानी पड़ गया है और यह दो जगह से खराब भी हो रहा है। इस कैसे बचाया जा सके, इसके लिए वे लखनऊ और दिल्ली में वस्त्र उद्योग के विशेषज्ञों से इस संबंध में बात करेंगे। इसी के लिए वह पुणे भी आए हुए है जहां पर यह सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित हुई है।
नागर का कहना है कि अगर सही से इसको रखा जाए तो यह अगले तीन सौ से चार सौ वर्ष तक चल रह सकता है।