इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना रमजान है जिसे अरबी भाषा में रमादान कहते हैं। नौवें महीने यानी रमजान को 610 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद मुसलमानों के लिए पवित्र घोषित किया गया था। रोजे रखना इस्लाम के पांच स्तंभों (कलमा, नमाज, जकात, रोजा और हज ) में से एक है। कुरान सूरा 2 के आयात 183 और 184 मे हर व्यक्ति को इस पाक महीने मे हुजूर की तरह ही सुबह से लेकर शाम सूरज डूबने तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही है। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। Read More
सहरी के बाद रोजेदार पूरा दिन कुछ नहीं खाते और पीते हैं। इसके बाद वो शाम को इफ्तार के समय ही कुछ खाते-पीते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि रोजा रखने वाले लोग दिनभर में तकरीबन 13 से 15 घंटे तक बिना खाए-पिए रहते हैं। जाहिर है कि इस भीषण गर्मी में रोजा रखना कोई ...
Ramadan 2022: रमजान के महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं। रोजा रखने का मतलब सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करना है। आखिर ऐसा क्यों करते हैं लोग, जानिए इस पाक माह-ए-रमजान की कहानी... ...
रमजान इस साल 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। मगर इसकी सही तारीख चांद दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार रमजान नौवां महीना है जिसमें रोजा रखा जाता है। इस्लामी परंपराओं के अनुसार, रोजे की अवधि के दौरान खाने और पीने पर सख्त प्रति ...
Ramadan 2022: पवित्र माह-ए-रमजान की शुरुआत अप्रैल में हो रही है। चांद अगर दो अप्रैल को दिखता है तो तीन से रोजे की शुरुआत होगी। रमजान इस्लाम के सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है। ...
Eid Mubarak 2021: कोरोना महामारी के बीच इस बार भी ईद मनायी जा रही है। महामारी के कारण कई लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से नहीं मिल पाएंगे लेकिन उन्हें मुबारकबाद तो भेज ही सकते हैं। ...