शास्त्रों की मानें तो चंद्र मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की उपासना के लिए लोग प्रदोष का व्रत करते हैं। यह व्रत कृष्ण व शुक्ल दोनों पक्ष में होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से गोदान जितने पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आपको मृत्यु पश्चात उत्तम लोक प्राप्त होता है और अपने सांसारिक जीवन में भी आप निरोगी व स्वस्थ बने रहते हैं। सूर्यास्त से पूर्व स्नान आदि के बाद घर के ईशान कोण में स्थापित मंदिर में बैठकर पूजन करना चाहिए। Read More
प्रदोष व्रत भगवान शिव को खुश करने के लिए रखा जाता है। शास्त्रों में वर्णित हैं कि सच्चे भाव से प्रदोष व्रत रखने वालों का सारा दुख भगवान शिव (God Shiva) दूर कर देते हैं। ...
Pradosh vrat 2020: आज प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है। इस व्रत को रखने वाले भक्तों से प्रसन्न होकर भोलेनाथ उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। ...
हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है। ...
Papmochani Ekadashi 2020: चैत्र कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है। ...