पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार एक प्रमुख मान्यता यह है कि जो लोग अपने पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंड दान करते हैं, उन्हें श्राद्ध की इस पवित्र अवधि के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज करते हुए सख्त आहार पर रहना चाहिए। ...
पितृ दोष के विषय में शंकर के शिष्य और लंकापति रावण ने स्वयं लिखित संहिता में विस्तार से चर्चा की है। रावण संहिता में क्या है पितृ दोष के लक्षण, क्यों होता है पितृ दोष और इसके अलावा पितृ दोष के दूर करने का व्यापक उपाय बताया गया है। ...
Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष को आम बोलचाल की भाषा में श्राद्ध पक्ष के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2023 में श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर, 2023 से शुरू होने जा रहा है। ...
वाराणसी के पिशाचमोचन कुंड में पितृपक्ष के दौरान लाखों लोगों द्वारा पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए किये गये पिंडदान से सैकड़ों-हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है। ...