निपाह वायरस से होने वाला इन्फेक्शन जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस जानवरों और इंसानों में गंभीर किस्म की बीमारी पैदा करता है। इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं। इस जानलेवा वायरस का कोई इलाज नहीं है। यह मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा बन सकता है। Read More
शोधकर्ताओं ने अध्ययन करने के लिए मार्च 2020 में महाराष्ट्र के महाबलेश्वर की एक गुफा से रौसेटस लेशेनौल्टी (मध्यम आकार के फल खाने वाले चमगादड़) और पिपिस्ट्रेलस पिपिस्ट्रेलस (छोटे कीटभक्षी चमगादड़) को पकड़ा था । ...
निपाह, जिसकी एक बार फिर केरल में साल भर बाद वापसी की पुष्टि हो गई है, से साबित हुआ है कि हमारा स्वास्थ्य तंत्न अभी भी संक्रामक रोगों से बचाव का कोई कारगर तरीका विकसित नहीं कर पाया है. ...
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने और आइसोलेशन वार्ड का जायजा लेने के लिए एक एपिडेमियोलॉजिस्ट समेत छह लोगों की टीम को काम पर लगाया है। ...
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि विभिन्न जिलों से कुल 311 लोगों को निगरानी में रखा गया है। उन्होंने कहा, “छात्र की स्थिति स्थिर बनी हुई है। यह बिगड़ी नहीं है।” इससे एक दिन पहले ही पुष्टि हुई थी कि 23 वर्षीय छात्र निपाह विषाणु से संक् ...
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के शैलजा ने बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में छात्र के रक्त के नमूने की जांच की गई जिसमें निपाह की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि जांच की रिपोर्ट मंगलवार सुबह आई। ...