कोरोना वायरस की तरह खतरनाक हैं ये 6 वायरस, कुछ घंटों में मौत बन जाता है दूसरा वायरस
By उस्मान | Published: January 24, 2020 11:10 AM2020-01-24T11:10:45+5:302020-01-24T11:19:05+5:30
चीन में तेजी से फैल रहे 'कोरोना वायरस' से पूरी दुनिया में दहशत फैली हुई है
कोरोना वायरस (Coronavirus)
चीन में में मिले एक खतरनाक वायरस 'कोरोना वायरस' की वजह से पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बना हुआ है। बताया जा रहा है कि चीन में इस वायरस से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस कई एशियाई देशों में भी जा पहुंचा है। यह वायरस मनुष्य से मनुष्य में फैल रहा है। कोरोना वायरस क्या है और इसके लक्षण और इससे बचाव के तरीके क्या हैं? यह ऐसे सवाल है जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है।
यह वायरस सीवर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) परिवार का है। मध्य चीनी शहर वुहान में इसका पहला मामला देखने को मिला और देखते-देखते यह पूरे देश में फैलने लगा है। ऐसा मानना है कि यह वायरस समुद्री सांप के जरिये आया है। कोरोना वायरस के लक्षणों में निमोनिया आम है। इसके अलावा जो लोग इससे प्रभावित हैं, उन्हें खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की खबर है। चूंकि यह वायरल निमोनिया है, इसलिए एंटीबायोटिक्स का कोई फायदा नहीं है। इसके लिए एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जा सकता है जिससे लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है।
निपाह वायरस (Henipavirus or Nipah virus)
निपाह वायरस से होने वाला इन्फेक्शन जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस जानवरों और इंसानों में गंभीर किस्म की बीमारी पैदा करता है। इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं। इस जानलेवा वायरस का कोई इलाज नहीं है। यह मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की रिपोर्ट के अनुसार निपा वायरस का उपहार टेरोपस जीनस नामक एक खास नसल के चमगादड़ से मिला है। निपाह वायरस के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, दिमागी सूजन, बुखार, सिरदर्द, अनिद्रा, मतली, कमजोरी, विचलन और भ्रम कि स्थिति आदि शामिल हैं। एक मरीज 48 घंटे के भीतर कोमा में जा सकता है।
इबोला वायरस (Ebola virus)
इबोला वायरस पांच तरह का होता है, प्रत्येक का नाम अफ्रीका के पांच क्षेत्रों ज़ैरे, सूडान, ताई वन, बुंडिबुग्यो और रेस्टन के नाम पर रखा गया है। ज़ैरे इबोला वायरस सबसे घातक है, जिसकी मृत्यु दर 90 प्रतिशत है। यह वर्तमान में गिनी, सिएरा लियोन और लाइबेरिया और उससे आगे तक फैला हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ज़ैरे इबोला वायरस फ्लाइंग फॉक्स के कारण आया।
मारबर्ग वायरस (Marburg virus)
सबसे खतरनाक वायरस मारबर्ग वायरस है। इसका नाम लाहन नदी पर एक छोटे शहर के नाम पर रखा गया है। मारबर्ग वायरस एक रक्तस्रावी बुखार वायरस है। इबोला की तरह, मारबर्ग वायरस श्लेष्म झिल्ली, त्वचा और अंगों की ऐंठन और रक्तस्राव का कारण बनता है। इसकी मृत्यु दर 90 प्रतिशत है।
हंटावायरस (Hantavirus)
हंटावायरस कई प्रकार के विषाणुओं से मिलकर बना है। इसका नाम एक नदी के नाम पर रखा गया है, जहां अमेरिकी सैनिकों को पहली बार 1950 में कोरियाई युद्ध के दौरान हंटावायरस से संक्रमित होने के बारे में पता चला था। इसके लक्षणों में फेफड़े की बीमारी, बुखार और किडनी फेलियर शामिल हैं।
बर्ड फ्लू (Bird Flu)
बर्ड फ्लू एक खतरनाक वायरस है जिसकी मृत्यु दर 70 प्रतिशत है। लेकिन H5N1 के संपर्क में आने का खतरा कम ही होता है। आप केवल पोल्ट्री के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से ही संक्रमित हो सकते हैं। यह कहा जाता है कि एशिया में लोग अक्सर चिकन के संपर्क में रहते हैं इसलिए यहां बर्ड फ्लू के मामले अधिक होते हैं।
लस्सा वायरस (Lassa virus)
नाइजीरिया की एक नर्स पहली बार लसा वायरस से संक्रमित हुई थी। यह वायरस कृन्तकों के द्वारा फैलता है। इसके मामले स्थानिक हो सकते हैं- जैसे कि पश्चिमी अफ्रीका और यह यहां कभी भी हो सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अफ्रीका में लगभग 15 फीसदी कृन्तक वायरस है।