1 मई दुनिया भर में अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस ( World labour day) मनाया जाता है। मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1886 में अमेरिका से शुरू हुई थी जब लाखों मजदूरों ने काम के आठ घंटे को लेकर देशव्यापी हड़ताल किया था। अमेरिकी मजूदरों के हड़ताल के बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय महासभा की एक बैठक में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई। प्रस्ताव के पारित होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई। भारत में पहली बार मजूदर दिवस आधिकारिक रूप से 1 मई 1923 में मनाया गया। भारत में एक मई को अवकाश रहता है। Read More
श्रम कानूनों में बदलाव की शुरुआत 5 मई को मध्य प्रदेश से हुई थी। इसके बाद 7 मई को उत्तर प्रदेश और गुजरात ने भी लगभग 3 साल के लिए श्रम कानूनों में बदलावों की घोषणा कर दी थी। अब महाराष्ट्र, ओडिशा और गोवा ने भी अपने यहां नए उद्योगों को आकर्षित करने और ठप ...
घर जाने के लिए बनाए गए लिस्ट में इन मजदूरों का नाम न होने कारण इन्हें महिलाओं और बच्चों सहित रात आंधी और बारिश में खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी। जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल का पालन करने के नाम पर और सूची में नाम नहीं होने की वजह से इन मजदूरों को कलेक ...
मु़ख्तार खान पटेल अपने अधिकारों के लिए गरीब-मजदूरों व अन्य मेहनतकश वर्ग की लड़ाई दुनिया भर में आगे बढ़ी है. इसलिए मजदूर दिवस अधिकार की लड़ाई का प्रतीक है. परिश्रम के अलावा और कोई रास्ता नहीं, श्रम करो, शर्म नहीं. श्रम शक्ति के ये प्रेरक नारे हैं. जो ...
labour day 2020: एक मई को लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस और मजदूर दिवस भी कहा जाता है. ये दिन मेहनतकश मजदूरों को समर्पित है. भारत में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है. ...