1 मई दुनिया भर में अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस ( World labour day) मनाया जाता है। मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1886 में अमेरिका से शुरू हुई थी जब लाखों मजदूरों ने काम के आठ घंटे को लेकर देशव्यापी हड़ताल किया था। अमेरिकी मजूदरों के हड़ताल के बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय महासभा की एक बैठक में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई। प्रस्ताव के पारित होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई। भारत में पहली बार मजूदर दिवस आधिकारिक रूप से 1 मई 1923 में मनाया गया। भारत में एक मई को अवकाश रहता है। Read More
उन्होंने अपने ‘गिरमिट’ की अवधि खत्म होने के बाद कुछ दिनों तक फिजी में एक छोटे किसान और पुजारी का जीवन भी जिया था, जो बाद में उनके उक्त संकल्प की पूर्ति में बहुत काम आया. ...
भारत की सभ्यता प्राचीन काल से कर्म-प्रधान रही है। कर्म से ही सृष्टि होती है। श्रम का विलोम होता है विश्राम। ऐतरेय ब्राह्मण में श्रम का बड़ा ही मनोरम चित्रण मिलता है। ...
उद्योग, व्यापार, भवन निर्माण, पुल, सड़कों का निर्माण, कृषि इत्यादि समस्त क्रियाकलापों में श्रमिकों के श्रम का महत्वपूर्ण योगदान होता है और वर्तमान मशीनी युग में भी उनकी महत्ता कम नहीं है. सही मायनों में विश्व की उन्नति का दारोमदार इसी वर्ग के मजबूत क ...
केंद्र सरकार के दिशानिर्देश पर प्रदेश के वित्त विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल के जरिए पेंशनभोगी या सेवानिवृत्त होने जा रहे सरकारी कर्मचारी अपनी अपनी अर्जियों पर हुई कार्रवाई की स्थिति देख सकेंगे और उन्हें पेंशन के लिए कहीं जाना नहीं पड़े ...
International Labor Day 2022: मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। एक मई, 1886 में मजदूरों के हक के लिए बड़ा आंदोलन अमेरिका के शिकागो में हुआ। इसके बाद से इस खास दिन को मनाने का सिलसिला शुरू हुआ। ...