कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी- तूफान को चक्रवात कहते हैं। चक्रवात ज्यादातर जून और जुलाई के महीने में आता है। इस बार (साल 2019) में जो भारत में चक्रवात आया है, उसका नाम वायु रखा गया है। अरब सागर में हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण चक्रवात 'वायु' उत्पन्न हुआ है। इसकी गति 140 से 150 किमी से 165 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। भारत में ज्यादातर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में उठते हैं। विश्व मौसम संगठन के आकड़ों के मुताबिक पिछले 120 सालों जो रिकॉर्ड है उसमें चक्रवाती तूफानों के लगभग 14 फीसद चक्रवात भारत के आस-पास अरब सागर में आए हैं। बाकी के बंगाल की खाड़ी में ही उठते हैं। अब सवाल ये उठता है कि इन चक्रवातों का नाम कैसे पड़ता है। विश्व मौसम संगठन द्वारा जारी चरणबद्ध प्रक्रियाओं के तहत किसी चक्रवात का नामकरण किया जाता है। इसमें आठ उत्तरी भारतीय समुद्री देश ) एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवातों के 64 नाम तय करते हैं, जिसमें एक देश के लिए आठ नाम होते हैं। जैसे ही चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम इस चक्रवात का रख दिया जाता है। भारत में ज्यादातर तटवर्ती इलाके ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक महाराष्ट्र और गोवा चक्रवती तुफान से ज्यादा प्रभावित होते हैं।