7 सितंबर 2019 को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में 'सॉफ्ट लैंडिंग' के प्रयास के अंतिम क्षणों में लैंडर 'विक्रम' का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। जिसकी वजह से 'चंद्रयान-2' का 'सॉफ्ट लैंडिंग' नहीं हो पाया था। ...
श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण स्थल पर कई दिन की बारिश और खराब मौसम के बाद आखिरकार भारत ने इस दिन ‘चंद्रयान-1’ के रूप में अपने पहले मानवरहित चंद्र अभियान को अमली जामा पहनाया। ...
इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा, ‘‘अभी यह संभव नहीं है, वहां रात हो रही है। शायद इसके बाद हम इसे शुरू करेंगे। हमारे लैंडिंग स्थल पर भी रात का समय हो रहा है।’’ चंद्रमा पर रात होने का मतलब है कि लैंडर अब अंधेरे में जा चुका है। ...
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ के चांद की सतह को छूने से चंद मिनटों पहले जमीनी स्टेशन से उसका संपर्क टूट जाने के बाद इसरो ने कहा था कि लैंडर से संपर्क टूटने के बावजूद भी मिशन 95 फीसदी सफल रहा। ...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने अधिकारिक तौर पर इस बात का ऐलान किया था कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है। लेकिन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में विफल रहा। ...