चांद पर बड़े जोर से गिरा था विक्रम लैंडर, नासा ने तस्वीर जारी करके बताया तो लोगों ने कहा- झूठ मत बोलो ये तो...

By पल्लवी कुमारी | Published: September 27, 2019 10:13 AM2019-09-27T10:13:08+5:302019-09-27T10:13:08+5:30

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने अधिकारिक तौर पर इस बात का ऐलान किया था कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है। लेकिन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में विफल रहा।

Vikram had hard landing, Nasa releases images of Chandrayaan-2 landing site social media says lie | चांद पर बड़े जोर से गिरा था विक्रम लैंडर, नासा ने तस्वीर जारी करके बताया तो लोगों ने कहा- झूठ मत बोलो ये तो...

तस्वीर स्त्रोत- नासा (NASA) ट्विटर हैंडल

Highlightsनासा ने कहा कि विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई और अंतरिक्ष यान के सटीक स्थान का पता अभी तक नहीं चला है।नासा के द्वारा जारी लैंडर विक्रम तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपने 'लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा' से ली गईं उस क्षेत्र की ‘हाई रेजोल्यूशन’ तस्वीरें शुक्रवार (27 सितंबर) को जारी की है, जहां भारत ने अपने महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान दो’ मिशन के तहत लैंडर विक्रम की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश की थी। नासा ने इन तस्वीरों के आधार पर बताया कि नासा की ‘हार्ड लैंडिंग’ हुई। नासा के द्वारा जारी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कुछ सोशल मीडिया यूजर तो तस्वीर के जारी होने पर दुख जता रहे हैं। कुछ लोग का कहना है कि इसरो का यहां तक पहुंचना भी बड़ी सफलता है। लेकिन वहीं कुछ यूजर का कहना है कि नासा ने जो तस्वीर जारी की है वो झूठी है।

नासा के द्वारा जारी की गई तस्वीर के नीचे एक यूजर ने कमेंट कर लिखा, झूठ मत बोलो, मुझे पता है ये कि ये बेंगलुरु की तस्वीर है।

वहीं एक यूजर का कहना है कि ये चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम की तस्वीर नहीं है। ये एक झूठ है।

जानिए विक्रम की हार्ड लैंडिंग की तस्वीरें जारी कर नासा ने क्या कहा

नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान उस जगह की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने सॉफ्ट लैंडिंग के जरिए उतरने का प्रयास किया था लेकिन एलआरओसी की टीम लैंडर के स्थान या उसकी तस्वीर का पता नहीं लगा पाई है।

नासा ने कहा कि विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई और अंतरिक्ष यान के सटीक स्थान का पता अभी तक नहीं चला है। नासा ने बताया कि इस दृश्यों की तस्वीरें लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा क्विकमैप ने लक्षित स्थल से ऊपर उड़ान भरने के दौरान ली। 

चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी और विक्रम लैंडर का लैंडिंग से चंद मिनटों पहले जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था।

‘गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर’ के एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि एलआरओ 14 अक्टूबर को दोबारा उस समय संबंधित स्थल के ऊपर से उड़ान भरेगा जब वहां रोशनी बेहतर होगी। 

सात सितंबर को चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान से लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी लेकिन अंतिम चरण में चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर ऊपर इसका इसरो से संपर्क टूट गया। इसरो ने आठ सितंबर को कहा था कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे कैमरे से चंद्रमा की सतह पर लैंडर देखा गया है। विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। 

Web Title: Vikram had hard landing, Nasa releases images of Chandrayaan-2 landing site social media says lie

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