बसंत पंचमी का त्योहार माघ माल के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता सरस्वती की पूजा की परंपरा है। साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा कई जगहों पर की जाती है। ये बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। उत्तर भारत में इस दिन पीले वस्त्र पहने की भी परंपरा है। Read More
Saraswati Puja: हिंदू शास्त्रों और पुराणों में मां सरस्वती के जन्म को लेकर कई कहानियां मौजूद हैं। माता सरस्वती के जन्म को लेकर 'सरस्वती पुराण' और 'मत्सय पुराण' में भी अलग-अलग उल्लेख मिलते हैं। ...
Magh Gupt Navratri: शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में भी कलश स्थापना की जाती है। नौ दिन तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की अराधना इस दौरान की जाती है। ...
माघ महीने के पांचवे दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है, जिससे यह बसंत पंचमी का पर्व कहलाता है। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है। ...
हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। पतझड़ बीत जाने और बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में इस पर्व को उत्तर भारत समेत देश के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है। ...