Saraswati Puja: पाकिस्तान में खंडहर हालत में मौजूद मां शारदा का एक अद्भुत मंदिर, जानिए क्या है मान्यता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 28, 2020 01:32 PM2020-01-28T13:32:13+5:302020-01-28T13:32:34+5:30

शारदा पीठ मंदिर लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से महज 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नीलम नदी (किशनगंगा) के किनारे मौजूद इस मंदिर की श्रीनगर से दूरी करीब 130 किलोमीटर है।

Sharda peeth temple in Pok, its significance, history and story related to it on Saraswati Puja | Saraswati Puja: पाकिस्तान में खंडहर हालत में मौजूद मां शारदा का एक अद्भुत मंदिर, जानिए क्या है मान्यता

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में खंडहर हालत में मौजूद शारदा पीठ मंदिर (फाइल फोटो)

Highlightsपाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद है शारदा पीठ मंदिरये मंदिर देवी शक्ति के 18 महाशक्तिपीठों में से भी एक है, हजारों साल पुराना मंदिर

Basant Panchami: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। देश भर में मां शारदे के कई ऐसे मंदिर हैं, जहां इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं।

साथ ही उत्तर भारत में इस मौके पर कई स्थानों पर मूर्ति स्थापित की जाती है। बहरहाल, आज हम आपको पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पिछले 72 वर्षों में पहली बार पिछले साल पूजा हुई। हम बात कर पीओके में मौजूद मां शारदा पीठ शक्ति स्थल की...

पीओके में मौजूद है शारदा पीठ मंदिर

शारदा पीठ मंदिर लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से महज 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नीलम नदी (किशनगंगा) के किनारे मौजूद इस मंदिर की श्रीनगर से दूरी करीब 130 किलोमीटर है। शारदा पीठा का मतलब है- 'शारदा के विराजमान होने की जगह।' 

इस जगह को लेकर ये मान्यता है कि भगवान शंकर ने जब सती के शव को लेकर तांडव किया था, उस समय सती का दाहिना हाथ इस जगह गिरा था। इसलिए ये देवी शक्ति के 18 महाशक्तिपीठों में से एक है। साथ ही यह कश्मीरी पंडितों के लिए भी तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अन्य दो अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर और अमरनाथ मंदिर हैं।

शारदा पीठ मंदिर हजारों साल पुराना है!

सम्राट अशोक के शासनकाल में करीब 237 ईस्वी पूर्व में स्थापित शारदा पीठ मंदिर हजारों साल पुराना है। कई इसे 5000 साल पुराना मंदिर भी बताते हैं। ऐसा कहा जाता है कि विद्या की देवी को समर्पित ये मंदिर पूर्व में अध्ययन का एक प्राचीन केंद्र हुआ करता था।

करीब छठी से 12वीं सदी के बीच शारदा पीठ भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वश्रेष्ठ मंदिर विश्वविद्यालयों में से एक था। कुछ जानकार ये भी मानते हैं कि इस मंदिर की स्थापना पहली सदी में कुषाण वंश के शासन काल में हुई थी।

शारदा पीठ मंदिर: 72 सालों में पहली बार हुई पूजा

भारत के बंटवारे और अंग्रेजों से आजादी के बाद 72 सालों में पहली बार पिछले साल शारदा पीठ शक्ति स्थल पर पूजा-पाठ हुआ। एक हिंदू श्रद्धालु ने यहां पहुंचकर पूजा-अर्चना पिछले साल अक्टूबर में की। 

यह मंदिर आज खंडहर हालत में है लेकिन भारतीय मूल के हॉन्ग कॉन्ग के दंपत्ति केपी वेंकटरमन और उनकी पत्नी सुजाता पाकिस्तान से विशेष अनुमति हासिल कर यहां पहुंचने में कामयाब रहे। पिछले कुछ महीनों से करतार कॉरिडोर की तरह शारदा पीठ की यात्रा के लिए विशेष गलियारे की बात हो रही है ताकि भारतीय श्रद्धालुओं को यहां पहुंचने में ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े।

Web Title: Sharda peeth temple in Pok, its significance, history and story related to it on Saraswati Puja

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