पाकिस्तान के राजनीतिक तनाब के बाद डेविस कप तटस्थ स्थान पर कराने का अनुरोध कर सकता है एआईटीए
By भाषा | Published: August 8, 2019 10:59 PM2019-08-08T22:59:40+5:302019-08-08T22:59:40+5:30
राजनयिक तनाव के बीच भारत का राष्ट्रीय टेनिस महासंघ खेल आईटीएफ से अनुरोध कर सकता है कि वह अगले महीने इस्लामाबाद में होने वाले डेविस कप मुकाबले का आयोजन किसी तटस्थ स्थान पर करे।
नई दिल्ली, आठ अगस्त। पाकिस्तान के साथ बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच भारत का राष्ट्रीय टेनिस महासंघ खेल की विश्व नियामक ईकाई अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) से अनुरोध कर सकता है कि वह अगले महीने इस्लामाबाद में होने वाले डेविस कप मुकाबले का आयोजन किसी तटस्थ स्थान पर करे और मेजबान महासंघ ने कहा कि वह आईटीएफ के फैसले का सम्मान करेगा।
भारत का पाकिस्तान के खिलाफ दो दिवसीय मुकाबला 14 सितंबर से पाकिस्तानी राजधानी में खेला जाना है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 केंद्र सरकार द्वारा हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंध कम करने का फैसला लिया। पाकिस्तान में भारत के दूत से भी देश छोड़ने को कहा गया।
एआईटीए महासचिव हिरण्यमय चटर्जी ने कहा, ‘‘इससे मैच पर असर पड़ सकता है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी है, लेकिन मैं एक दो दिन इंतजार करूंगा। इसके बाद हम अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ से हालात पर गौर करके फैसला लेने का अनुरोध करेंगे। जरूरत पड़ने पर तटस्थ स्थान पर मुकाबला कराने का अनुरोध किया जाएगा।’’
चटर्जी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान वीजा नहीं देता है तो हम वहां कैसे जाएंगे। हो सकता है कि वह वीजा नहीं दे। यदि वीजा दे भी देता है तो क्या वे हमें पर्याप्त सुरक्षा दे सकेंगे।’’
पाकिस्तान टेनिस महासंघ (पीटीएफ) के अध्यक्ष सलीम सैफुल्लाह खान ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और आईटीएफ जो भी फैसला करेगा पीटीएफ उसका सम्मान करेगा। सलीम ने कहा, ‘‘इस्लामाबाद अब भी सुरक्षित जगह है। तनाव निश्चित तौर पर बढ़ा है, लेकिन यह कम भी हो सकता है। हमारे लिए भी खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। जीत या हार मायने नहीं रखती, सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना अभी जल्दबाजी होगा कि इस मुकाबले को तटस्थ स्थल पर करवाना चाहिए। लेकिन अगर आईटीएफ को लगता है कि मुकाबले का स्थल बदलना बेहतर होगा तो हम उसके निर्देशों का पालन करेंगे। लेकिन अभी मुझे स्थान बदलने का कोई कारण नजर नहीं आता है।’’
भारतीय डेविस कप टीम आखिरी बार 1964 में पाकिस्तान गई थी । दोनों देशों के द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद से बंद है। चटर्जी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने कई मुकाबले तटस्थ स्थानों पर खेले हैं। हम आईटीएफ से अनुरोध करेंगे, क्योंकि हालात काफी नाजुक है। हम यह नहीं कहेंगे कि हम पाकिस्तान नहीं जाएंगे। हम वह रास्ता नहीं अपनाना चाहते। मैं नहीं चाहता कि टीम का नुकसान हो।’’
यह पूछने पर कि आईटीएफ अन्यत्र आयोजन से इनकार कर दे तो, उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा के मानदंड हमने नहीं आईटीएफ ने बनाए है। कोई भी अनहोनी होने पर वही जिम्मेदार होगा। यही वजह है कि उसे इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।’’
चटर्जी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में वे केंद्र सरकार की राय भी लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एआईटीए और पाकिस्तान टेनिस महासंघ के बीच संबंध बहुत अच्छे है और लेकिन यह दो देशों के बीच का मसला है। हम इंतजार करेंगे और फिर आईटीएफ और अपनी सरकार दोनों से संपर्क करेंगे।’’
खेल मंत्रालय ने टीम के पाकिस्तान दौरे पर कोई आपत्ति नहीं की है। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि एआईटीए को खिलाड़ियों को पाकिस्तान भेजने के लिए गृह मंत्रालय या विदेश मंत्रालय से अनुमति की जरूरत नहीं है। खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने गुरुवार को कहा, ‘‘किसी देश का दौरा करने या विदेश में कहीं खेलने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।’’
हॉन्गकॉन्ग ने जब 2017 में ग्रुप दो सेमीफाइनल खेलने के लिए पाकिस्तान का दौरा करने से इन्कार कर दिया था तो आईटीएफ ने उस पर 10,000 डॉलर का जुर्माना लगाया था। इससे उसकी टीम एशिया ओसियाना क्षेत्र के निचले ग्रुप में चली गई थी। अगर भारत मुकाबला खेलने नहीं जाता तो फिर उसे अगले साल ग्रुप दो का मुकाबला खेलना होगा।
एशिया ओसियाना क्षेत्र में चार ग्रुप हैं जिसमें एक शीर्ष और चार निम्नतम है। हालांकि अगर भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों को वीजा नहीं मिलता है तो फिर आईटीएफ एआईटीए को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता और ऐसी स्थिति में पीटीएफ जवाबदेह होगा।