नकुल मेहता ने बताई वायरल हो रहे 'मरघट का शहंशाह' कविता के पीछे की कहानी, कहा- मौजूदा हालात के लिए हम जिम्मेदार

By दीप्ती कुमारी | Published: April 22, 2021 03:46 PM2021-04-22T15:46:58+5:302021-04-22T15:47:23+5:30

टीवी स्टार नकुल मेहता ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर वायरल हो रही कविता 'मरघट का शहंशाह' के बारे में बता की है। उन्होंने कहा कि यह कविता सभी के दर्द और गुस्से को बयान करती है।

nakul mehta on marghat ka shahensha its come from a place from hopelessness , anger share a post on instagram | नकुल मेहता ने बताई वायरल हो रहे 'मरघट का शहंशाह' कविता के पीछे की कहानी, कहा- मौजूदा हालात के लिए हम जिम्मेदार

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsनकुल मेहता ने वायरल हो रहे 'मरघट का शहंशाह' कविता को लेकर लिखी अपने दिल की बातनकुल ने कहा- हमारा सिस्टम अपनी दूरदर्शिता और तैयारियों की कमी पर बात नहीं करना चाहता हैनकुल ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिखकर उम्मीद जताई कि लोगों को जल्द कोरोना के इस दर्द से छुटकारा मिलेगा

मुंबई: नकुल मेहता द्वारा पढ़ी गई एक कविता का वीडियो सोशल मीडिया पर हाल में वायरल होने के बाद अब इस टीवी स्टार ने एक बार फिर इंस्टाग्राम पर इसे शेयर किया है। साथ ही उन्होंने बताया है कि इस कविता 'मरघट का शहंशाह' को किन हालातों को देखते हुए रचा गया है।

नकुल ने कहा कि यह कविता लोगों के गुस्से और पीड़ा को बताती है, जो सभी ने कोरोना महामारी के दौरान झेला है। साथ ही उन्होंने कहा कि ये कविता सिस्टम और सरकार की नाकामी को भी बयान करती है। 

आपको बता दें कि इस कविता को अजय सिंह ने लिखा है। नकुल ने इस कविता को सोमवार को पोस्ट किया था। इसके बाद यह कविता तेजी से वायरल हो गई। नकुल के फैंस ने इस कविता और एक्टर के बोलने के अंदाज की काफी तारीफ की और इसी जमीनी सच्चाई के करीब बताया।

नकुल ने इंस्टाग्राम पर लिखा पोस्ट

नकुल मेहता ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'पिछले कुछ समय से हम जो महसूस कर रहे है-भय, क्रोध , हताशा, असहायता और बहुत कुछ। हम सभी ने अपने भीतर इन बातों को अलग-अलग तरह से देख सकते  है कि हमने क्या किया जो आज ऐसी स्थिति बन गई। आज जिस उलझन में हम है , इसके लिए जवाबदेह भी हम खुद ही है लेकिन हम पर शासन करने वाले लोगों द्वारा दिखाई गई उदासीनता और अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए लोगों को इस घड़ी में उनके हाल पर छोड़ दिया गया । साथ ही दूरदर्शिता  और तैयारियों की कमी पर एक बहस तक नहीं की गई ।   ' 

मानवता, धर्म और राजनीति से बड़ी है

नकुल ने आगे लिखा, 'मरघट का शहंशाह, निराशा और क्रोध की भावना से बनी कविता , जिस आप सबने अपने अंदर अनुभव किया है । यह जानकर खुशी होती है कि इस दुख की घड़ी में कोई अकेला नहीं है । मानवता हमें  धर्म और राजनीति से कहीं ऊपर है । ' 
 

Web Title: nakul mehta on marghat ka shahensha its come from a place from hopelessness , anger share a post on instagram

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