'सिम स्वैप' के जरिए फेसबुक से लेकर बैंक अकाउंट तक किया जाता है हैक, ऐसे बचें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2019 12:55 PM2019-09-04T12:55:08+5:302019-09-04T12:55:08+5:30
सिम स्वैप एक नए तरह का फ्रॉड का तरीका है। इसमें एक तरह से सिम की क्लोनिंग की जाती है। इस फ्रॉड में आपके फोन नंबर के जरिए एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन किया जाता है....
काफी सावधानी बरतने के बावजूद ट्वीटर के CEO जैक डोरसे फ्रॉड का शिकार हो गए। ये कोई साधारण फ्रॉड नहीं बल्कि 'सिम स्वैप' फ्रॉड था। इसमें उनके फोन नंबर को हैक कर उनके अकाउंट को कंट्रोल किया गया। इसके बाद अटैकर्स ने कई आपत्तिजनक ट्वीट किए। 'सिम स्वैप' के जरिए जालसाज को सोशल मीडिया, बैंक अकाउंट और अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल करने का अधिकार मिल जाता है। तो जान लीजिए क्या है 'सिम स्वैप' और इससे कैसे बचें...
सिम स्वैप एक नए तरह का फ्रॉड का तरीका है। इसमें एक तरह से सिम की क्लोनिंग की जाती है। इस फ्रॉड में आपके फोन नंबर के जरिए एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। नए सिम के एक्टिव होती ही पुराना सिम कार्ड काम करना बंद कर देता है। अब आपके सोशल मीडिया से लेकर बैंक अकाउंट तक से जुड़े कोई भी मैसेज या ओटीपी नए सिम में आते हैं जो किसी दूसरे शख्स के पास है।
ऐसा करने के लिए कई बार सामने वाला शख्स एयरटेल, वोडाफोन, जियो का टेलीकॉलर बनकर फोन करेगा और आपके नेट की स्पीड बढ़ाने या किसी अन्य समस्या को सुलाझाने की बात करेगा। आपकी सहमति देखकर वह आपसे सिम के पीछे दिया गया 16 अंको का नंबर मांगेगा। आपके नंबर देने के बाद वह आपसे कोई भी नंबर प्रेस करने को कह सकता है। ये नंबर आपकी तरफ से दी जाने वाली सहमति के तौर पर मानी जाती है।
इसके अलावा कई बार वो आपको कॉल भी नहीं करते हैं। इसके लिए फ्रॉ़ड करने वाले किसी बड़े डेटाबेस को हैक करने वालों से संपर्क करते हैं या फिर जहां लोगों का पर्सनल डेटा बेंचा जाता है जिसे 'डार्क वेब' भी कहते हैं वहां संपर्क करते हैं और वहां से सारी जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं। ऐसे मामलों में फ्रॉड करने वालों के निशाने पर अधिकतर हाई प्रोफाइल लोग होते हैं।
कई शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्राजील, मोजाम्बिक, स्पेन औऱ इंडिया जैसे देशों में मोबाइल पेमेंट से जुड़े ऐसे फ्रॉड बहुत ही कॉमन हैं। साइबर क्रिमिनलों को ऐसे मामलों में दिलचस्पी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि वो ऐसी सर्विस को बेच भी रहे हैं।
कई मामलों में जानकारों का कहना है कि अगर फ्रॉड करने वाले को जन्म तिथि, मोबाइल नंबर जैसी जानकारी मिल गई तो इसके बाद उनसे बचना मुश्किल है। जानकारों ने इसके लिए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों और एप डेवलप करने वाली संस्थाओं को और अधिक सिक्यूरिटी डेवलप करने की सलाह दिया है।
बचाव-
कई मामलों में ऐसा होता है कि सिम स्वैप करने के बाद स्कैमर आपको कई बार फोन कर परेशान करते हैं और वो इतना परेशान करना चाहते हैं कि आप फोन स्विच ऑफ कर दें। वो ऐसा इसलिए करते हैं जिससे कि नई सिम एक्टिवेट हो जाए क्योंकि सिम एक्टिवेशन में कम से कम 4 घंटे का समय लगता है। झल्ला कर जैसे ही आप फोन ऑफ करते हैं उनका काम हो जाता है।
बैंक अकाउंट पर हमेशा नजर बनाए रकें। जैसे ही आपको अपने अकाउंट में कोई एक्टिविटी देखने को मिले तुरंत बैंक को सूचित करें और प्रयास करें की किसी भी तरह का कोई फोन आने पर उसका रिस्पॉस न करें। इग्नोर करें तो बेहतर है।
कई बार इस काम को महारत हासिल किए हुए लोग अंजाम देते हैं उन्हें तो पकड़ पाना आसान नहीं होता लेकिन कई बार कम मंझे हुए लोग भी ऐसा करने का प्रयास करते हैं तो उन्हें आप पकड़ सकते हैं और चौकन्ने हो जाएं। एक उदाहरण से आपको समझाएं तो जैसे आप अपने बैंक अकाउंट और अन्य कार्यों के लिए जियो का सिम इस्तेमाल करते हैं और आपको कोई कॉल करके कहता है कि आपके सिम में नेटवर्क सही तरीके से नहीं पहुंच रहा है इसके लिए आपको ऐसा करना है। तो आप उससे पूछिए कि मेरे किस सिम में नेटवर्क प्रॉब्लम सुधारने के लिए आपने फोन किया है। आप अपनी तरफ से बिल्कुल भी उनको बताएं कि आप किस सर्विस प्रोवाइडर का सिम इस्तेमाल करते हैं।