Whatsapp पेमेंट फीचर यूजर्स के लिए नहीं है सुरक्षित, PayTM फाउंडर ने लगाया आरोप
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: February 16, 2018 05:14 PM2018-02-16T17:14:41+5:302018-02-16T17:29:15+5:30
पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके व्हाट्सऐप पर गलत तरीके से पेमेंट कराने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, फरवरी 16: हाल ही में इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Whatsapp ने अपने पेमेंट फीचर जारी किया है। इस फीचर के जरिए व्हाट्सऐप यूजर्स आसानी से किसी को भी पैसे ट्रांसफर सकते हैं। व्हाट्सऐप की घोषणा के साथ ही भारत में मोबाइल पेमेंट के बाजार में उथल-पुथल मच गई है और पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने व्हाट्सऐप पर गलत तरीके से पेमेंट कराने का आरोप लगाया है। वहीं, पवन दुग्गल ने भी इसकी सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
कंपनी द्वारा जारी किए गए फीचर को देखते हुए माना जा रहा है कि व्हाट्सऐप पेमेंट वॉलेट फीचर भारत में पहले से मौजूद पेटीएम को कड़ी टक्कर दे सकता है। व्हाट्सऐप के पेमेंट फीचर लॉन्च होने के बाद यकीनन बाजार में मौजूद दूसरी कंपनियों को एक बड़ी चुनौती मिलेगी।
Paytm के संस्थापक ने किया ट्वीट
पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके व्हाट्सऐप की पेमेंट ऐप पर सवाल उठाएं हैं। विजय शेखर का कहना है कि फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप के UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म में ग्राहकों की सुरक्षा खतरे में हैं और यह सरकारी दिशा निर्देशों के खिलाफ है।
शर्मा ने ट्वीट किया, ''फ्री बेसिक्स की घटिया ट्रिक्स के साथ भारत के ओपन इंटरनेट के खिलाफ जंग हारने के बाद फेसबुक ने दोबारा गेम में एंट्री की है। फेसबुक UPI सिस्टम को अपने इम्प्लीमेंटेशन से खत्म कर रहा है।''
After failing to win war against India’s open internet with cheap tricks of free basics, Facebook is again in play.
— Vijay Shekhar (@vijayshekhar) February 14, 2018
Killing beautiful open UPI system with its custom close garden implementation.
I am surprised, champions of open @India_Stack , let it happen ! https://t.co/wIsNuF1AiB
उन्होंने आगे लिखा- ''माइक्रोसॉफ्ट ने यह ओपन वेब स्टैंडर्ड्स के साथ किया था और अब व्हाट्सएेप UPI के साथ कर रहा है।''
वहीं, खबर लिखे जाने तक व्हाट्सऐप की ओर से इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन Mobikwik और FreeCharge ने पेटीएम के संस्थापक को जरूर जवाब दिया। देखिए इस ट्वीट पर शर्मा को क्या प्रतिक्रिया मिली।
मोबिक्विक के को-फाउंडर बिपिन प्रीत सिंह ने इसके जवाब में ट्वीट किया कि व्हाट्सएेप पेमेंट का विरोध करने वाले वहीं लोग है जिन्होंने अपने वेबसाइट और ऐप पर न्यूट्रल पेमेंट के विकल्पों का इस्तेमाल होने से रोक दिया था।
Those complaining abt Whatsapp are the same folks who refuse to entertain neutral payment options(like @MobiKwik )on their own ecom websites/apps and instead promote only captive wallets. A standard of interoperability should incl wallet acceptance as well 2/n
— Bipin Preet Singh (@BipinSingh) February 14, 2018
फ्रीचार्ज के सीईओ कुणाल शाह ने ट्वीट किया कि जिन कंपनियों को व्हाट्सऐप पेमेंट से डर लग रहा है वह इसे एंटी नेशनल घोषित कर दे क्योंकि आप व्हाट्सऐप के पहुंच के प्रभाव से जीत नहीं सकते।
All companies threatened by Whatsapp payments are going to tag it as anti national and try to pull it down as it’s hard to win on merit against network effects of Whatsapp.
— Kunal Shah (@kunalb11) February 14, 2018
This strategy worked for Patanjali and wonder if it will work for payment companies.
कितना सुरक्षित है व्हाट्सऐप का पेमेंट वॉलेट और बाकी वॉलेट ऐप?
इस मामले में लोकमत न्यूज ने साइबर सुरक्षा कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल से बात की है। पवन दुग्गल ने बताया कि व्हाट्सऐप के टर्म एंड कंडीशन में साफ तौर पर लिखा है कि यूजर्स द्वारा किए गए पेमेंट की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। यूजर्स अपने जोखिम पर पेमेंट करें। यानी कि कहीं न कहीं व्हाट्सऐप भारतवर्ष में बेसिक कानूनी प्रावधान का पालन नहीं कर रहा है। साथ ही अगर यूजर्स को व्हाट्सऐप के पेमेंट में कोई दिक्कत आती है तो कंपनी इसमें कोई मदद नहीं करेगी।
ये प्रीपेड पेमेंट सर्विस प्रोवाइर्स है जिसे सरकार ने अभी तक रेगुलेट नहीं किया है। सरकार को इसके लिए सख्त कानूनी प्रावधान लाने पड़ेंगे। RBI और मिनिस्ट्री ऑफ आईटी इन ऐप्स को रेगुलेट करती नहीं है तो इस तरह के पॉलिसी वैक्यूम में लोगों के पैसे सही जगह नहीं पहुंचते हैं और उनके अकाउंट से पैसे भी डेबिट हो जाते हैं। ऐसे में जब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाएं जाएंगे इन ऐप्स का इस्तेमाल जोखिम भरा होगा।- पवन दुग्गल , साइबर सुरक्षा कानून विशेषज्ञ