Paytm ऐप यूजर्स अब 11 भाषाओं में कर सकेंगे भुगतान, इनको मिलेगा फायदा
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: February 14, 2019 06:10 PM2019-02-14T18:10:11+5:302019-02-14T18:10:11+5:30
Paytm ने कहा है कि अपने 5 वर्षों के परिचालन में पेटीएम करीब 88 प्रतिशत भारतीय गांवों तक पहुंच चुकी है और इसके 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहकों छोटे और बड़े शहरों से हैं। 11 भाषाओं के इस नए जुड़ाव से, पसंदीदा डिजिटल पेमेंट प्लैटफॉर्म के तौर पर पेटीएम की स्थिति और ज्यादा पुख्ता होगी।
डिजिटल भुगतान को पहले से बेहतर बनाने के लिए पेटीएम ने अपने एंड्रॉयड ऐप में नई भाषाओं को शामिल किया है। Paytm का एंड्रॉयड ऐप 11 विभिन्न भाषाओं को सपोर्ट करता है, जिनमें सभी प्रमुख भारतीय भाषाएं और अंग्रेज़ी शामिल हैं। पेटीएम का स्वामित्व रखने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने इस बात की घोषणा की है। इस कदम के साथ ही पेटीएम ने अपनी भाषाई पहुंच का विस्तार किया है और भारत की पहली डिजिटल पेमेंट कंपनी बन गई है जो अपने ऐप सबसे ज्यादा भाषाओं के विकल्प दे रही है।
कंपनी ने कहा है कि अपने 5 वर्षों के परिचालन में पेटीएम करीब 88 प्रतिशत भारतीय गांवों तक पहुंच चुकी है और इसके 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहकों छोटे और बड़े शहरों से हैं। 11 भाषाओं के इस नए जुड़ाव से, पसंदीदा डिजिटल पेमेंट प्लैटफॉर्म के तौर पर पेटीएम की स्थिति और ज्यादा पुख्ता होगी।
पेटीएम के मुताबिक, कंपनी के 35 प्रतिशत से अधिक ग्राहक अपनी प्रादेशिक भाषा में ऐप को इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। पेटीएम पर अंग्रेज़ी के बाद हिंदी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है, इसके बाद गुजराती, तेलुगू, मराठी, बंगाली, तमिल व कन्नड़ आदि भाषाओं का नंबर आता है। ऐप पर प्रादेशिक भाषाओं की उपलब्धता से इस प्लैटफॉर्म पर उपभोक्ताओं की तादाद में दमदार वृद्धि देखने में आई है।
पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दीपक एबॉट ने कहा, "आज करोड़ों भारतीय अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए पेटीएम का उपयोग कर रहे हैं और इसे अपनाने वालों की संख्या लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। हम लोगों को पहले से ज्यादा भाषाई विकल्प दे रहे हैं, इस तरह से हम प्रगति को गति दे रहे हैं तथा अपने वर्तमान एवं भावी, दोनों प्रकार के ग्राहकों के लिए सुविधा में बढ़ोतरी कर रहे हैं। अपने ऐप पर सभी भारतीय भाषाओं को उपलब्ध कराने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है, हमने हर चीज़ को शब्दशः अनुवादित नहीं किया है बल्कि सही संदर्भ को प्रस्तुत किया है जिसे उपभोक्ताओं ने बहुत सराहना की है।"