देसी ट्वीटर के नाम से पॉपुलर हो रहा 'कू एप', 10 गुना तेजी से बढ़ी डाउनलोडिंग, जानें खासियत
By अमित कुमार | Published: February 15, 2021 05:17 PM2021-02-15T17:17:24+5:302021-02-15T17:22:07+5:30
आम आदमी भी धीरे-धीरे ट्विटर का दामन छोड़ 'कू एप' की तरफ खींचे चले आ रहे हैं। 'कू एप' ने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भ ऐप इनोवेशन चैलेंज को भी जीता था।
भारत सरकार और ट्विटर के बीच तनाव पैदा होने के बाद अब लोग 'कू एप' की तरफ रुख कर रहे हैं। लेकिन 'कू एप' के आने के बाद भी ट्वीटर की जरूरत सरकार को रहेगी। ट्विटर पर पूरी दुनिया से लोग जुड़े हुए हैं। 'कू एप' को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार अलग-अलग तरह के प्रयास कर रही है। कई नेता और सेलिब्रेटी इस पर अपना अकाउंट बना चुके हैं।
'कू एप' की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी डाउनलोडिंग में 10 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। खास बात है कि पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भी इस एप का जिक्र किया था। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी 'कू एप' पर अपना अकाउंट बना लिया है। गोयल के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी 'कू एप' का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल जैसे नेताओं ने इस एप पर आकर इसका समर्थन किया है। यह लोगों के लिए बिल्कुल ट्वीटर के अंदाज में काम कर रहा है। कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण हैं। इस एप में वह सभी खूबिया हैं जो ट्विटर में थे। यह एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है जिसे ट्विटर की टक्कर में पेश किया गया है।
देखा जाए तो इस एप को मेड इन इंडिया ट्विटर भी कहा जा सकता है। लोगों को अपनी बात रखने में आसानी हो, इस वजह एप को कई भाषाओं में लॉन्च किया गया है जिसमें हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराधी, पंजाबी, ओड़िआ, आसामी शामिल है। भविष्य में इस एप में मराठी, गुजराती, पंजाबी, आसामी, बांग्ला, मलयालम, उड़िया जैसी भाषाएं भी शामिल की जाएगी।