जहरीली हवा से राहत, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगेंगे स्मॉग टावर, जानिए कैसे करते हैं ये काम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2020 10:06 AM2020-01-16T10:06:09+5:302020-01-16T10:06:09+5:30
कनॉट प्लेस और आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने की परियोजना के लिए केंद्र सरकार खर्च देगी। हालांकि पर्यावरण और वन मंत्रालय को परियोजना की निगरानी करने का निर्देश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने वायु और जल प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न निर्देश जारी करने के साथ कनॉट प्लेस (CP) और आनंद विहार में ‘स्मॉग टावर’ लगाने की प्रायोगिक परियोजना के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को तीन महीने का समय दिया है। वायु प्रदूषण को घटाने के लिए स्मॉग टावर लगाया जाता है। हवा को साफ करने के लिए इसमें कई तहों में फिल्टर लगे होते हैं।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार को तीन महीने के भीतर कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर लगाने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के उल्लेख के मुताबिक आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाएं। दिल्ली सरकार सात दिन के भीतर प्रायोगिक टावर को लगाने के लिए 30x30 मीटर जगह मुहैया कराए।
इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार खर्च देगी हालांकि पर्यावरण और वन मंत्रालय को परियोजना की निगरानी करने का निर्देश दिया जाता है। दिल्ली में आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता के संबंध में संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ ही दिल्ली में विभिन्न नमूनों की औचक जांच के बाद भारतीय मानक ब्यूरो को भी एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है।
प्लास्टिक, औद्योगिक और अन्य अपशिष्ट के कारण होने वाले प्रदूषण पर चिंता प्रकट करते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को सुनिश्चित करने को कहा है कि अपशिष्ट नहीं जलाये जायें। समय से अपशिष्ट हटाकर इसका निस्तारण करना चाहिए। राज्यों को छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
क्या है स्मॉग टावर
स्मॉग टावर एक तरह से बहुत बड़े साइज का एयर प्यूरीफायर होता है। यह अपने आसपास से प्रदूषित हवा या उसके कणों को सोख लेता है। फिर वापस पर्यावरण में साफ हवा छोड़ता है। ये स्मॉग टावर घर पर लगनेवाले एयर प्यूरीफायर की तरह यह बिजली से चलते हैं और इनमें से कुछ सोलर पावर से भी चलते हैं।
स्मॉग टावर अपने आसपास की गंदी हवा को अंदर खींचता है। हवा में से गंदगी सोख लेता है और साफ हवा बाहर फेंकता है। कुल मिलाकर यह बड़े लेवल पर हवा साफ करने वाली मशीन है। यह प्रति घंटे कई करोड़ घन मीटर हवा साफ कर सकते हैं और पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसी हानिकारक कणों को 75 फीसद तक साफ करके हवा को शुद्ध करते हैं। टॉवर में लगे फिल्टर पीएम 2.5 और उससे बडे प्रदूषण कणों को साफ करते हैं।
(एजेंसी इनपुट)