इंस्टाग्राम ने कड़े किये नियम, ऐसे फोटो और मीम्स शेयर करने पर लगा बैन, सुसाइड से जुड़ा है मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 29, 2019 08:49 AM2019-10-29T08:49:18+5:302019-10-29T08:49:18+5:30
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 8 लाख लोग सुसाइड कर मौत को गले लगा रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के युवाओं के बीच मरने का दूसरा सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है।
इंस्टाग्राम ने अनाउंस किया है कि पिछले महीने ही उसने खुद को नुकसान पहुंचाने वाले और सुसाइड करने वाली तस्वीरों और कंटेंट पर बैन लगा दिया है। अब इस बैन को और बढ़ा दिया गया है। जिससे अब इस तरह की गतिविधियों वाले मीम और ग्राफिक्स, फिल्म और कॉमिक्स को भी इंस्टाग्राम पर बैन कर दिया गया।
रविवार को एक ब्लॉग पोस्ट में सर्विस हेड एडम मोसेरी ने कहा कि पिछले महीने हमने अपनी नीतियों का विस्तार करते हुये खुद को नुकसान पहुंचाने वाले और सुसाइड करने वाले कंटेंट पर रोक लगा दिया है। अब हम इंस्टाग्राम पर इस तरह से जुड़े किसी भी ड्राइंग, मीम्स, किसी फिल्म से जुड़े ऐसे किसी हिस्से को प्रसारित करने की अनुमति नहीं देंगे।
इंस्टाग्राम ने यह भी कहा कि सुसाइड और खुद को नुकसान पहुंचाने वाले कंटेंट शेयर करने वाले अकाउंट्स सर्च में नही दिखेंगे। इससे आत्महत्या की रोकथाम करने वाले संस्थानों को बढ़ावा मिलेगा।
साल 2017 में एक ब्रिटिश टीनेजर मॉली रसेल ने फोटो शेयरिंग प्लैटफॉर्म पर ऐसा ग्राफिक कंटेंट देखने के बाद आत्महत्या कर ली थी। रसेल की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने पाया था कि उसे इंस्टाग्राम और पिनटरेस्ट पर डिस्टर्ब करने वाले पोस्ट 'सजेशंस' में दिख रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिवार ने इन्हीं प्लेटफॉर्म को रसेल की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। और बताया था कि उसे इन प्लेटफॉर्म पर डिप्रेशन, खुद को नुकसान पहुंचाने वाली और आत्महत्या से जुड़ी पोस्ट दिख रही थीं। जिसके बाद इंस्टाग्राम की ओर से इस दिशा में जरूरी कदम उठाए गए हैं और इस बैन को आगे भी जारी रखा जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 8 लाख लोग हर साल सुसाइड करते हैं। और 15 से 29 साल की उम्र के लोगों के बीच मरने का दूसरा सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है। अमेरिका में पिछले एक दशक में युवाओं में आत्महत्या के 56 फीसदी मामले बढ़े हैं।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा इनकी निगरानी करने और ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर इसको रोकने में मदद की जा सकती है। इसके अलावा युवाओं को आत्महत्या के संकेतों को पहचानने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिये जिससे वो अपने साथियों में ऐसा कुछ देखते ही बचाने में मदद कर सकें।