चीनी स्मार्टफोन के जरिए भारत में जासूसी तो नहीं हो रही! मोबाइल में प्री-इंस्टॉल ऐप्स सहित सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की होगी जांच
By विनीत कुमार | Published: October 19, 2021 02:38 PM2021-10-19T14:38:22+5:302021-10-19T14:51:30+5:30
भारत सरकार ने पिछले साल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कई चीनी ऐप पर कार्रवाई की थी और उसे प्रतिबंधित किया था। अब ये जानकारी सामने आ रही है कि सरकार की नजर चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स पर भी है।
नई दिल्ली: पिछले साल गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने कई कदम उठाते हुए चीनी ऐप्स पर कार्रवाई की थी। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारत सरकार ने ये कदम उठाए थे। बहरहाल, अब ये जानकारी सामने आ रही है कि सरकार चीन के स्मार्टफोन ब्रांड्स पर नजर रखे हुए है।
वेबसाइट द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार चीन के इन स्मार्टफोन की डिटेल को लेकर जानकारी जुटा रही है। इसके लिए कंपनियों को नोटिस भी भेजा गया है। सरकार इस जांच में डेटा से लेकर फोन बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल हुआ है, इन सारी बातों की जानकारी हासिल करना चाहती है।
चीन के कौन-कौन से स्मार्टफोन ब्रांड जांच के घेरे में
रिपोर्ट के मुताबिक जिन कंपनियों को लेकर सवाल है, उनमें वीवो (Vivo), ओप्पो, श्याओमी (Xiaomi) और वनप्लस शामिल हैं। काउंटरपॉइंट रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार इन सभी कंपनियों की भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 50% से अधिक पकड़ है।
जांच के जरिए यह पता लगाने के लिए कोशिश की जा रही है कि क्या ये चीनी स्मार्टफोन ब्रांड द्वारा बेचे जाने वाले स्मार्टफोन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित हैं। डेटा और उपकरणों के विवरण की शुरुआती पूछताछ के बाद समझा जा रहा है कि भारत सरकार की ओर से एक और नोटिस भेजा जा सकता है। इसमें इन स्मार्टफोन की टेस्टिंग की जा सकती है। फिलहाल कंपनियों की ओर से ऐसे किसी जांच के संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
चीनी कंपनियां सरकार के कदम से हुईं सजग
बपिछले साल चीनी ऐप के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई के बाद से चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों ने अपनी 'भारतीयता' को काफी आक्रामक तरीके से प्रचारित किया है। साथ ही भारत में उत्पादन और निवेश में भी वृद्धि की है।
हालांकि रिपोर्ट के अनुसार चार चीनी कंपनियों द्वारा सरकार को निवेश के किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है और ऐसे में नया नोटिस इसी के बदले कार्रवाई के तौर पर हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों में ओप्पो, वीवो और उसके उप-ब्रांड iQoo के पास बड़े निवेश प्रस्ताव थे, जिसे पूरा नहीं किया गया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि Xiaomi का नाम इसमें क्यों शामिल है क्योंकि यह अब तक पर्याप्त निवेश करता आया है।
चीन की कंपनियों में बैठा डर
वहीं ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक नए नोटिस भारत में चीनी कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का हिस्सा हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि न केवल हार्डवेयर बल्कि सॉफ्टवेयर डिटेल्स भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
ऐसी खबर है कि नोटिस के बाद चीनी ब्रांड कथित तौर पर कुछ दहशत में हैं। इसका कारण ये है कि जांच कैसे की जाएगी और इसके बाद और क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है।