स्मार्टफोन से होती है यूजर्स की नींद खराब, जानें कैसे

By भाषा | Published: December 3, 2018 05:01 PM2018-12-03T17:01:39+5:302018-12-03T17:01:39+5:30

अनुसंधान के परिणाम ‘सेल रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। इनकी मदद से माइग्रेन (आधे सिर का दर्द), अनिद्रा, जेट लैग (विमान यात्रा की थकान और उसके बाद रात और दिन का अंतर न पहचान पाना) और कर्काडियन रिदम विकारों (नींद के समय पर प्रभाव) जैसी समस्याओं का नया इलाज खोजा जा सकता है।

How to Smartphones Affect Users Healthy Life | स्मार्टफोन से होती है यूजर्स की नींद खराब, जानें कैसे

How to Smartphones Affect your sleep

वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में सफलता हासिल हुई है कि स्मार्टफोन एवं कंप्यूटर से निकलने वाली कृत्रिम रोशनी कैसे आपकी नींद को प्रभावित करती हैं। अब इन परिणामों के जरिए माइग्रेन, अनिद्रा, जेट लैग और कर्काडियन रिदम विकारों के नए इलाज खोजने में मदद मिल सकती है।

अमेरिका के साल्क इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि आंखों की कुछ कोशिकाएं आस-पास की रोशनी को संसाधित करती हैं और हमारे बॉडी क्लॉक (कर्काडियन रिदम के तौर पर पहचान पाने वाली शारीरिक प्रक्रियाओं का रोजाना का चक्र) को फिर से तय करती हैं। ये कोशिकाएं जब देर रात में कृत्रिम रोशनी के संपर्क में आती हैं तो हमारा आंतरिक समय चक्र प्रभावित हो जाता है नतीजन स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं।

अनुसंधान के परिणाम ‘सेल रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। इनकी मदद से माइग्रेन (आधे सिर का दर्द), अनिद्रा, जेट लैग (विमान यात्रा की थकान और उसके बाद रात और दिन का अंतर न पहचान पाना) और कर्काडियन रिदम विकारों (नींद के समय पर प्रभाव) जैसी समस्याओं का नया इलाज खोजा जा सकता है।

Web Title: How to Smartphones Affect Users Healthy Life

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