चेहरा पहचानने की प्रणाली को बंद करेगा फेसबुक, एक अरब लोगों का डेटा मिटाएगा
By विशाल कुमार | Published: November 3, 2021 09:21 AM2021-11-03T09:21:55+5:302021-11-03T10:38:16+5:30
फेसबुक की नई पैरेंट कंपनी ‘मेटा फेसबुक के सक्रिय उपयोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरे पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वह पहचान करने में सफल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्लेट को मिटाया जाएगा।’’
मेनलो पार्क (अमेरिका):फेसबुक ने कहा है कि वह चेहरे पहचानने की प्रणाली को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों के फेसप्रिंट मिटाएगा।
फेसबुक की नई पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी ‘मेटा’ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभाग के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी द्वारा मंगलवार को पोस्ट किए गए ब्लॉग के अनुसार, ‘‘प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम सबसे बड़ा बदलाव होगा।’’
मेटा ने कहा कि समाज में चेहरे की पहचान तकनीक की जगह के बारे में कई चिंताएं हैं और नियामक अभी भी इसके उपयोग को नियंत्रित करने वाले नियमों को तय करने की प्रक्रिया में हैं। इस अनिश्चितता के बीच, हम मानते हैं कि चेहरे की पहचान के उपयोग को उपयोग को सीमित करना उचित है.
पोस्ट के अनुसार, ‘‘फेसबुक के सक्रिय उपयोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरे पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वह पहचान करने में सफल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्लेट को मिटाया जाएगा।’’
बता दें कि, फेसबुक की पूर्व डेटा वैज्ञानिक से व्हिसलब्लोअर बनीं फ्रांसेस ह्यूगेन ने पिछले दिनों कहा था कि ऑनलाइन नफरत तथा चरमपंथ को फेसबुक और अधिक गंभीर बना रहा है. उन्होंने अमेरिकी सीनेट की एक समिति के समक्ष यह भी कहा था कि फेसबुक बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है और ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रहा है.
उन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकी सांसदों के सामने अपनी गवाही दी है और भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मामलों की संसदीय समिति भी उन्हें बुलाने पर विचार कर रही है.