नासा के स्पेस स्टेशन को चीन देगा टक्कर, स्पेस स्टेशन का मॉड्यूल करेगा दोगुना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 5, 2023 04:26 PM2023-10-05T16:26:31+5:302023-10-05T16:40:19+5:30
चीन अंतरिक्ष यात्रा के लिए अमेरिका के नासा को टक्कर देगा। उसने तैयारी भी कर ली है जिसके चलते वो अपने स्पेस स्टेशन का आकार दोगुना करेगा। इसके जरिए वो तीन यात्रियों को एक साथ मिशन में भेजने में सफल हो सकता है।
बीजिंग:चीन एक बार फिर से अमेरिका को टक्कर देने के लिए अपने स्पेस स्टेशन का आकार बढ़ाने जा रहा है। आने वाले सालों में तीन की जगह छह मॉड्यूल के साथ अपने स्पेस स्टेशन को लैस करेगा।
इसके साथ ही दूसरे देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को आने वाले समय में निकट-पृथ्वी मिशन के लिए यह ऑफर करने वाला है। इस स्पेस में अभी तक नासा के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का अब उतना टाइम पीरियड बचा नहीं है। इसलिए चीन इस स्पेस को भरने के लिए यह काम कर रहा है।
अजरबैजान के बाकू में चल रहे 74 वें अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस में चीन के चाइना अकादमिक ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी की स्पेस कॉन्ट्रेक्टर टीम ने कहा कि चीनी अंतरिक्ष स्टेशन का जो समय है वो और 15 साल का है इसलिए इस प्रक्रिया को धार दे रहा है।
चीन का यह अंतरिक्ष स्टेशन उसने खुद ही निर्मित किया है, जिसे तियांगोंग और चीनी भाषा में सेलेस्टियल पैलेस के रूप में जाना जाता है। यह 2022 से सुचारु रुप से चल रहा है। इससे लगभग तीन यात्री ही एक बार में जा सकेंगे और यह 450 किलोमीटर (280 मील) की कक्षीय ऊंचाई पर ही ले जा सकेगा।
चीन के छह मॉड्यूल अपनाते ही इसकी 180 टन की क्षमता तक भार ले जाने में सक्षम होगी। तियांगोंग अभी भी आईएसएस के द्रव्यमान का ही केवल 40 फीसद ही है, जो एक बार में सात अंतरिक्ष यात्रियों के दल को संभाल सकता है। लेकिन दो दशकों से ज्यादा समय से कक्षा में मौजूद आईएसएस के 2030 के बाद निष्क्रिय हो सकता है। लेकिन इसी पर माना जा रहा है कि चीन एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनने की ओर प्रमुखता से बढ़ रहा है।
रूस की मानें तो आईएसएस स्पेश स्टेशन के साथ अभी वो मंच साझा कर रहा है। लेकिन आने वाले समय में वो भी ब्रिक्स सदस्यों के साथ स्पेस स्टेशन के लिए अपना काम कर सकता है।