Google पर लगा डाटा चोरी का आरोप, यूजर्स के इन जानकारियों को रखता था सेव
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: May 17, 2018 02:47 PM2018-05-17T14:47:25+5:302018-05-17T14:47:25+5:30
गूगल हर महीने अपने यूजर्स के 1 जीबी के करीब डेटा इकट्ठा कर रहा है। कंपनी इस डेटा को विज्ञापनदाताओं के पास पहुंचा रहा है।
नई दिल्ली, 17 मई: फेसबुक द्वारा यूजर्स के डाटा लीक का मामला शांत ही हुआ था कि इसी बीच गूगल की ओर से एंड्रॉयड यूजर्स के डाटा लीक का मामला सामने आ गया। दरअसल, गूगल पर एंड्रॉयड यूजर्स के डाटा चोरी करने का आरोप लगा है। खबरों के मुताबिक, गूगल ने आस्ट्रेलिया के 10 मिलियन यूजर्स के डेटा को चोरी किया है। साथ ही उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया है।
सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल के एक अधिकारी ने खुलासा किया है कि गूगल हर महीने अपने यूजर्स के 1 जीबी के करीब डेटा इकट्ठा कर रहा है। कंपनी इस डेटा को विज्ञापनदाताओं के पास पहुंचा रहा है। इस डेटा की मदद से विज्ञापनदाता यूजर्स के मोबाइल में कई तरह की विज्ञापन को दिखा रहे हैं। जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग ने इस रिपोर्ट की जांच करने की बात कही है।
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ओरेकल ने गूगल पर आरोप लगाया है कि यूजर्स द्वारा फोन में सिम कार्ड न लगाने और लोकेशन ऑफ करने के बावजूद भी कंपनी यूजर्स को ट्रैक करती रहती है। ओरेकल का कहना है कि गूगल एंड्रॉयड फोन के आईपी एड्रेस, मोबाइल टावर और वाई-फाई कनेक्शन के जरिए भी यूजर्स की गतिविधियों पर नजर रखता है। कंपनी ने अपने एक प्रेजेंटेशन में बताया कि गूगल एंड्रॉयड डिवाइस के बैरोमीटर की मदद से हवा के दवाब के जरिए यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करता है।
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वहीं, गूगल ने इस आरोप पर बयान दिया कि इसके लिए कंपनी यूजर्स से परमिशन लेती है। कंपनी ने कहा कि उसकी अपनी प्राइवेसी पॉलिसी है। गूगल के मुताबिक वह अपने एंड्रॉयड यूजर्स की जिन जानकारियों को इकट्ठा करता है उनमें व्यक्तिगत जानकारी, डिवाइस की जानकारी, लॉग जानकारी और स्थान की जानकारी शामिल होती है।