"सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ड्रग्स की खोज", टेक ट्रांसपेरेंसी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में खुलासा- नाबालिग यूजर्स भी हैं सक्रिय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 8, 2021 05:28 PM2021-12-08T17:28:53+5:302021-12-08T17:31:38+5:30

यह ऐप 13 साल से कम उम्र के किशोर उपयोगकर्ताओं को केवल दो क्लिक में बिक्री के लिए ड्रग्स खोजने की अनुमति देता पाया गया है। इस पर लोगों ने चिंता जताई है।

according to report instagram shows drug dealers account in search results to indian youngster | "सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ड्रग्स की खोज", टेक ट्रांसपेरेंसी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में खुलासा- नाबालिग यूजर्स भी हैं सक्रिय

"सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ड्रग्स की खोज", टेक ट्रांसपेरेंसी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में खुलासा- नाबालिग यूजर्स भी हैं सक्रिय

Highlightsरिपोर्ट में बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म युवा यूजर्स को ड्रग से जुड़े हैशटैग का सुझाव देता है।किशोर यूजरों के लिए सुरक्षित नहीं है प्लेटफार्म, कहा- कम उम्र के खातों को ड्रग डीलरों से सीधे जुड़ाव।टीटीपी ने अपनी जांच में यह खुलासा किया है।

भारत: हाल के दिनों में कई ऐसी खबरें आई हैं, जिसमें सोशल मीडिया को नाबालिग यूजर्स के लिए सुरक्षित नहीं माना गया है, हालांकि सोशल मीडिया में पहुंच के लिए कोई बंधन नहीं होने से काफी संख्या में नाबालिग यूजर्स इसमें सक्रिय हैं। टेक ट्रांसपेरेंसी प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इंस्टाग्राम युवा यूजर्स को ड्रग से जुड़े हैशटैग का सुझाव देता है। यह ऐप 13 साल से कम उम्र के किशोर उपयोगकर्ताओं को केवल दो क्लिक में बिक्री के लिए ड्रग्स खोजने की अनुमति देता पाया गया है। इस पर लोगों ने चिंता जताई है।

फर्जी एकाउंट बनाकर की गई जांच

बताया जा रहा है कि टेक ट्रांसपेरेंसी प्रोजेक्ट ने इसकी जांच के लिए इंस्टाग्राम पर 13, 14, 15 और 17 साल की उम्र के किशोरों के लिए फर्जी एकाउंट बनाए। इस पर देखा गया कि इन किशोर उम्र के यूजरों को ड्रग से संबंधित जानकारी लेने से रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया गया। इसका खुलासा तब हुआ जब काल्पनिक नाम से एक यूजर ने सर्च बाक्स में "buyxanax" टाइप करना शुरू किया, तो उसमें Xanax के सुझाए गए डीलर को दिखाया गया। 

रिपोर्ट ने जताई चिंता

रिपोर्ट के मुताबिक, "यह बेहद चिंता का विषय है। इंस्टाग्राम ने न केवल काल्पनिक किशोरों को उम्र-प्रतिबंधित और अवैध दवाओं की आसानी से खोज करने की अनुमति दी, बल्कि मंच के एल्गोरिदम ने कम उम्र के खातों को ड्रग डीलरों से सीधे जुड़ने में मदद की।"  

क्या खुलासा हुआ टीटीपी की जांच में

टीटीपी ने अपनी जांच में खुलासा किया कि इंस्टाग्राम #mdma जैसी दवा से संबंधित सामग्री पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन यह पाया गया कि जब किशोर उपयोगकर्ता ने #mdma की खोज की, तो इंस्टाग्राम ने उसी दवा के लिए वैकल्पिक हैशटैग को सर्च बार में स्वतः भर दिया। 
 

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