जानलेवा साबित हो रहा साल 2025, 6 महीने में ही हुए इतने हादसे; जानें क्यों ये वर्ष इतना अशुभ
By अंजली चौहान | Updated: June 18, 2025 08:03 IST2025-06-18T07:45:11+5:302025-06-18T08:03:30+5:30
नई दिल्ली: इस साल भूकंप, जंगल की आग, आतंकवादी हमले, बाढ़, भगदड़ और यहाँ तक कि विमान दुर्घटनाएँ हुई

जानलेवा साबित हो रहा साल 2025, 6 महीने में ही हुए इतने हादसे; जानें क्यों ये वर्ष इतना अशुभ
नई दिल्ली: साल 2025 के शुरू होने के बाद से दुनियाभर में एक के बाद एक कई दुखद घटनाएं घटी है। अकेले भारत में ही बीते छह महीनों में इतना कुछ हुआ कि कई परिवार बर्बाद हो गए। आपदाओं की एक चौंका देने वाली श्रृंखला - भूकंप, जंगल की आग, आतंकवादी हमले, बाढ़, भगदड़ और यहाँ तक कि विमान दुर्घटनाएँ - ने दुनिया भर में जीवन को तबाह कर दिया है। मगर सवाल उठता है कि आखिर क्यों साल 2025 इतना बुरा जा रहा है महज 6 महीनों में ही इतने हादसे हो गए और अभी आधा साल बचा हुआ है।
इंडिया टुडे के अनुसार, ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के अनुसार, वर्ष 2025, विशेष रूप से जून और जुलाई, दुनिया भर में अधिक युद्ध, दुर्घटनाएँ और प्राकृतिक आपदाएँ ला सकता है। यह विक्रम संवत 2082 के दौरान नकारात्मक ग्रहों की चाल के कारण है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि वैश्विक नेताओं द्वारा गलत निर्णय और ग्रहों के प्रभाव दोनों ही सार्वजनिक अशांति में योगदान दे सकते हैं। आने वाले महीने संवेदनशील होने की उम्मीद है और अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता हो सकती है।
विक्रम संवत 2082 कैलेंडर के अनुसार, जो 30 मार्च, 2025 को शुरू हुआ, वर्ष के राजा और मंत्री दोनों का प्रतिनिधित्व सूर्य द्वारा किया जाता है, जो शक्तिशाली नेताओं का प्रतीक है। वहीं, शनि (शनि) जनता का प्रतिनिधित्व करता है।
यह संयोजन बताता है कि नेताओं के अहंकार और अजीबोगरीब फैसलों से आम लोगों को परेशानी होगी।
ज्योतिषी के अनुसार क्यों हो रही इतनी घटनाएं
साल 2025, खासतौर से जून और जुलाई के महीने, वैश्विक रूप से अस्थिर रहने की उम्मीद है, जिसमें युद्ध, दुर्घटनाएँ और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ेंगी। यह ज्योतिषीय कारकों और बढ़ती प्रशासनिक लापरवाही दोनों से जुड़ा हुआ है।
7 जून से 28 जुलाई के बीच संघर्ष और छिपे हुए खतरों के लिए जाने जाने वाले ग्रहों मंगल और केतु का संरेखण भूकंप, आग, युद्ध और अन्य बड़ी घटनाओं को जन्म दे सकता है।
जनवरी और मार्च 2026 के बीच एक समान जोखिम भरा दौर वापस आ सकता है। 12 जून की विमान दुर्घटना, ईरान-इजरायल युद्ध, भारत में आतंकवादी हमला और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएँ जैसी घटनाएँ इस अशांत चरण के उदाहरण हैं। अक्टूबर-नवंबर 2025 के आसपास एक और संवेदनशील अवधि की उम्मीद है, जब सूर्य कमजोर स्थिति में होगा, जिससे संभवतः अधिक सार्वजनिक संकट पैदा हो सकता है। वर्ष 2025 हाल ही के वर्षों में सबसे दुखद वर्षों में से एक बन चुका है। आपदाओं का पैमाना और आवृत्ति व्यावहारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से चिंता बढ़ा रही है।
कुछ लोगों के लिए, यह बेहतर नीति, शासन और जलवायु कार्रवाई का आह्वान है। दूसरों के लिए, यह ब्रह्मांड से एक अनुस्मारक है: हम कर्म के नियमों से ऊपर नहीं हैं। चाहे ग्रहों द्वारा आकार दिया गया हो या हमारे अपने हाथों से, दर्द वास्तविक है, और बदलाव की जिम्मेदारी हम पर है।
साल 2025 के बीते 6 महीनों की बड़ी घटनाएं
1- 29 जनवरी - कुंभ मेले में भगदड़, भारत
प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान दो घातक भगदड़ में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस त्रासदी ने दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक में आपातकालीन योजना और भीड़ नियंत्रण में गंभीर विफलताओं को उजागर किया।
2- 1 जनवरी - जापान भूकंप और सुनामी
जापान के इशिकावा प्रान्त में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पाँच मीटर ऊँची लहरों वाली सुनामी आई। इस आपदा ने इमारतों को तहस-नहस कर दिया और भूस्खलन और आग सहित कई खतरे पैदा कर दिए।
230 से ज़्यादा लोग मारे गए, हजारों लोग विस्थापित हुए और सैकड़ों झटके आए। इसने साल की एक भयावह शुरुआत को चिह्नित किया।
3- 7 जनवरी - दक्षिणी कैलिफोर्निया के जंगल में आग
सांता एना हवाओं ने लॉस एंजिल्स काउंटी में भीषण जंगल में आग लगा दी, जिसके कारण 30,000 लोगों को निकालना पड़ा और कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई।
इससे 135 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है, जो इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे महंगी आपदाओं में से एक बनाता है।
4- 28 मार्च - म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप
मध्य म्यांमार में सागाइंग के पास 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद कई झटके आए। इसने राजमार्गों और हवाई अड्डों सहित बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया।
मस्जिदों में नमाज़ के दौरान कम से कम 500 लोग मारे गए और भूकंप के कारण लगी आग के कारण 2,000 से ज़्यादा लोग बेघर हो गए।
सेना ने छह क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी और अंतरराष्ट्रीय सहायता जुटाई गई।
5- 16 अप्रैल - दुबई में अचानक बाढ़
बेमौसम बारिश के कारण दुबई और ओमान के कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई। सड़कें नदियों में बदल गईं, दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जलमग्न हो गया और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली ध्वस्त हो गई। कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। विशेषज्ञों ने इसे क्षेत्र के हाल के इतिहास में सबसे भीषण मौसम की घटनाओं में से एक बताया।
6- 22 अप्रैल - पहलगाम आतंकी हमला, कश्मीर
आतंकवादियों ने पहलगाम के पास बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और 20 से ज़्यादा घायल हो गए।
नागरिकों के खिलाफ़ लक्षित हिंसा ने राष्ट्रीय आक्रोश को जन्म दिया और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए।
7- 4 जून, 2025- आरसीबी भगदड़ (भारत)
4 जून, 2025 को बेंगलुरु में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की विजय परेड के दौरान भगदड़ मच गई।
आरसीबी की पहली आईपीएल खिताबी जीत का जश्न मनाने के लिए उत्सुक प्रशंसक स्टेडियम के गेट की ओर बढ़ गए, जिससे बैरिकेड गिर गए और एक जानलेवा भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोग मारे गए और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। इस त्रासदी के बाद इवेंट आयोजकों की गिरफ़्तारी हुई और व्यापक भीड़ प्रबंधन सुधारों की मांग की गई।
8- 12 जून - एयर इंडिया बोइंग 787 क्रैश
अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद लंदन जा रहा ड्रीमलाइनर विमान एक कॉलेज हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी 241 यात्री और चालक दल के सदस्य तथा ज़मीन पर मौजूद 28 लोग मारे गए। केवल एक व्यक्ति को बचाया जा सका। यह भारत की सबसे घातक विमानन दुर्घटनाओं में से एक बन गई।
9- 15 जून - केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश
गौरीकुंड के पास तीर्थयात्रियों को ले जा रहा बेल 407 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें विमान में सवार सभी सात लोग और एक ग्राउंड स्टाफ़ सदस्य की मौत हो गई।
10- 16 जून - इंद्रायणी पुल ढह गया, महाराष्ट्र
भारी बारिश के बीच पर्यटकों की भीड़ के कारण पुणे जिले में एक पैदल यात्री पुल ढह गया। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई और 51 लोग घायल हो गए।