सुकरात ने हंसते-हंसते पी लिया था जहर, मौत से पहले कही थी वो अनमोल बात जो आज भी है प्रासंगिक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 9, 2019 09:17 AM2019-08-09T09:17:12+5:302019-08-09T09:18:24+5:30

सुकरात के मित्रों और शिष्य उन्हें मौत की सजा दिये जाने के खिलाफ थे। उन्होंने सुकरात को जेल से आजाद कराने की भी योजना बना डाली और एक सिपाही को कुछ धन देकर अपनी ओर मिला लिया।

sukrat death after drinking poison and inspirational story related to him | सुकरात ने हंसते-हंसते पी लिया था जहर, मौत से पहले कही थी वो अनमोल बात जो आज भी है प्रासंगिक

सुकरात ने हंसते-हंसते पी लिया था जहर

Highlightsसुकरात को देशद्रोह और देवताओं का अपमान करने के आरोप में दिया गया था मृत्युदंडयूनान के महान दार्शनिक सुकरात को पश्चिमी दर्शन के जनक के तौर पर भी देखा जाता है

यूनान के महान दार्शनिक सुकरात के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो आज के जीवन में भी प्रासंगिक हैं और लोगों को प्रेरणा देने का काम करती हैं। 469 ईस्वी पूर्व में एथेंस में जन्में सुकरात को पश्चिमी दर्शन के जनक के तौर पर भी देखा जाता है। सुकरात के विचारों से घबराकर उनके विरोधियों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें मौत की सजा दिला दी थी। सुकरात पर आरोप लगाया गया था वे देवताओं की पूजा नहीं करते और नास्तिक हैं। 

यही नहीं, उन पर उस समय युवाओं को भड़काने और बरगलाने के भी आरोप लगे थे। साथ ही देशद्रोह के भी इल्जाम लगे। इसके बाद उन्हें मौत की सजा के तौर पर जहर पिलाने का आदेश दे दिया गया। सुकरात इससे बिल्कुल भी नहीं घबराये। कहा जाता है कि उन्होंने हंसते-हंसते जहर पी लिया।

जहर बनाने वाला भी नहीं चाहता था सुकरात की मृत्यु

सुकरात को मृत्युदंड देने के तय दिन जहर बनाने वाला उनके लिए जहर पीस रहा था। दिलचस्प ये था सुकरात बिल्कुल भी तनाव में नहीं थे और अपने मित्रों से चर्चा में व्यस्त थे। कहते हैं कि तय समय से कुछ देर पहले सुकरात ने जहर बनाने वाले से कहा, 'तुम देर नहीं करो।' इस पर जहर बनाने वाला बोला, 'मैं चाहता हूं कि आप जैसा महापुरुष कुछ और देर सांस ले इसलिए जान-बूझकर मैं देर कर रहा हूं।'

इस पर सुकरात बोले, 'अब थोड़ा ज्यादा भी जी गया तो क्या हो जाएगा? मैंने जीवन देख लिया अब मृत्यु को देखना है। मेरी बातें हमेशा लोगों के बीच रहेगी।'

मृत्यु से पहले सुकरात ने कहे अनमोल वचन

सुकरात के मित्रों और शिष्य उन्हें मौत की सजा दिये जाने के खिलाफ थे। उन्होंने सुकरात को जेल से आजाद कराने की भी योजना बना डाली और एक सिपाही को कुछ धन देकर अपनी ओर मिला लिया।

सुकरात ने हालांकि कहा कि वे देश के कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे। सुकरात ने कहा, 'अब समय आ गया है कि हम अपनी राह अलग कर लें। आप जीवन की राह पर आगे बढ़ें और मैं मृत्यु की। दोनों में से ज्यादा अच्छा कौन है, इसे ईश्वर पर छोड़ दें।' यह बात कहते हुए सुकरात ने हंसते-हंसते जहर का प्याला पी लिया और इस दुनिया को अलविदा कह गये।

Web Title: sukrat death after drinking poison and inspirational story related to him

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