लाइव न्यूज़ :

Falgun Amavasya 2023: साल की पहली सोमवती अमावस्या कल, नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: February 19, 2023 14:12 IST

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

Open in App

Somvati amavasya 2023: साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को पड़ रही है। यह फाल्गुन मास की अमावस्या है। हिन्दू धर्म में यह तिथि विशेष महत्व रखती है। शास्त्रों में इसे पितरों को प्रसन्न करने वाली तिथि के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि पितरों के मोक्ष के लिए फाल्गुन अमावस्या विशेष है।

इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से इस बार फाल्गुन अमावस्या तिथि खास है। इस बार फाल्गुन अमावस्या पर शिव और सिद्ध योग का विशेष संयोग  है। कहते हैं इन योगों में किए गए व्रत और पूजा का जातकों को दोगुना फल प्राप्त होता है।

फाल्गुन अमावस्या 2023 मुहूर्त

फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत - 19 फरवरी को शाम 04:18 बजे सेफाल्गुन अमावस्या तिथि का समापन - 20 फरवरी दोपहर 12:35 बजे तक 

अमावस्या पूजा विधि

फाल्गुन के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान करना चाहिए।इस दिन आप किसी पुरोहित से तर्पण करा सकते हैं या फिर खुद भी कर सकते हैं।पितरों के स्थान या फिर जहां पर उनकी तस्वीर लगी हो उस जगह को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।इसके बाद उस स्थान पर देशी घी का दीपक जलाना चाहिए। फिर पूर्वज की तस्वीर पर सफेद चंदन का तिलक करें और उन्हें सफेद पुष्प अर्पित करें। 

सोमवती अमावस्या का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन पितरों के निमित्त दान, तर्पण और श्राद्ध आदि कर्मकांड किए जाते हैं। माना जाता है कि इससे पितरों की कृपा होती है। कहते हैं कि जिस परिवार पर अपने पितरों का आशीर्वाद होता है उसे किसी भी प्रकार की परेशानी छू नहीं पाती है। 

उपाय

यदि किसी विशेष कार्य में सफलता चाहते हैं या कोई रुका हुआ काम बनाना चाहते हैं तो फाल्गुन अमावस्या को दिन में किसी भी समय भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। इस दूध में काले तिल मिलाकर उन्हें अर्पित करें, मान्यता है कि ऐसा करने से उके हुए कम बनते हैं। जीवन में कष्ट अधिक हों, कोई भी काम बना नहीं रहा हो तो फाल्गुन अमावस्या के दिन भगवान गणेश को सुपारी अर्पित करें। अमावस्या की रात उनकी मूर्ति के पास दीपक जलाएं और प्रार्थना करें कि वे आपकी जिन्दगी के कष्टों को कम करें। 

टॅग्स :अमावस्याभगवान शिवहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय