लाइव न्यूज़ :

Skanda Sashti Vrat 2019: कब है स्कन्द षष्ठी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

By मेघना वर्मा | Updated: October 18, 2019 11:47 IST

Skanda Sashti Vrat 2019: आपने अभी नवरात्रि में स्कन्द माता की पूजा की होगी। भगवान कार्तिकेय को भी स्कन्द कुमार के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में कार्तिकेय भगवान की मूल रूप से पूजा की जाती है।

Open in App
ठळक मुद्देकार्तिक के महीने में कई तीज-त्योहार एक साथ पड़ते हैं।स्कन्द षष्ठी का व्रत भी इसी महीने में पड़ता है।

कार्तिक का महीना शुरू होते ही तीज-त्योहारों की झड़ी लग जाती है। हिन्दू धर्म के इस महीने में कई त्योहारों और व्रत को मनाया जाता है। इन्हीं व्रतों में से एक है स्कन्द षष्ठी का व्रत। मान्यता है कि इश दिन पूजा करने से लोगों की दरिद्रता दूर हो जाती है। आइए आपको बताते हैं इस साल कब है स्कन्द षष्ठी का व्रत और क्या है इसकी पूजा विधि।

इस साल स्कन्द षष्ठी का व्रत 19 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ उनके पुत्रों गणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है। शास्त्रों की मानें तो इस दिन स्कन्द माता की पूजा करने से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही भक्तों को सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है। स्कन्द षष्ठी का व्रत करने से इंसान के अंदर का लोभ, क्रोध, अहंकार जैसी बुराइयों का अंत भी होता है। 

भगवान कार्तिकेय हैं स्कन्द

आपने अभी नवरात्रि में स्कन्द माता की पूजा की होगी। भगवान कार्तिकेय को भी स्कन्द कुमार के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में कार्तिकेय भगवान की मूल रूप से पूजा की जाती है। उन्हें दक्षिण भारत में मुरुगन नाम से बुलाया जाता है। मान्यता है कि स्कन्द षष्ठी के दिन इनकी पूजा करने से स्कन्दमाता खुश होती हैं। 

क्या है स्कन्द पूजा का महत्व

स्कन्द षष्ठी का व्रत करने और इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से लोगों के बिगड़े काम बनते हैं। बताया जाता है कि इस दिन पूजा के समय दही और सिंदूर को मिलाकर भगवान कार्तिकेय को अर्पित किया जाए तो आने वाले समय में आपके किसी भी काम में अड़चन नहीं आएगी। स्कन्द की पूजा करने से बच्चों को रोग या कोई कष्ट नहीं रहता है। 

ये है स्कन्द षष्ठी की पूजा-विधि

1. स्कन्द षष्ठी के दिन सुबह उठकर स्नानआदि करें।2. इस दिन भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव, पार्वती माता की तस्वीर या प्रतीमा का पूजा स्थल पर स्थापित करें।3. इसके बाद अक्षत, चंदन, दूध, जले, मौसमी फल, मेवा चढ़ाएं।

4. इसके बाद घी का दीपक जलाएं। 5. इसके बाद स्कंद षष्ठी का पाठ करें और अंद में आरती करें।6. बाद में प्रसाद का वितरण करें। 7. संभव हो तो गरीबों में भी प्रसाद को बांटें।

टॅग्स :कार्तिक मासपूजा पाठभगवान गणेशभगवान शिवहिंदू त्योहारत्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय