Shravan 2019 Date: सावन कब शुरू हो रहा है, शिवरात्रि और सोमवार व्रत की तारीख क्या है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2019 09:13 AM2019-07-06T09:13:23+5:302019-07-06T09:16:47+5:30
इस बार यानी 2019 में सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 15 अगस्त तक चलेगा। सावन माह की शुरुआत इस बार चंद्र ग्रहण से हो रही है।
सावन मास का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इसे महीने को सबसे पवित्र माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये मास भगवान शिव को बहुत प्रिय है। सावन का महीना इस बार यानी साल 2019 में 17 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की मान्यता है। उत्तर भारत में खासकर, सावन के महीने में भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिलता है। सड़क से लेकर मंदिर तक हर ओर भगवान शिव के भक्त ही नजर आते हैं। सावन के महीने में ही कांवड़ लेकर जाने और भगवान शिव पर जल चढ़ाने की मान्यता भी है। इस महीने में ज्यादातर हिंदू सात्विक भोजन करते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। आईए जानते हैं इस साल सावन कब से शुरू हो रहा है? साथ ही जानिए कि सावन की शिवरात्रि इस बार कब है...
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Shravan 2019: सावन का महीना कब से शुरू हो रहा है?
इस बार यानी 2019 में सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 15 अगस्त तक चलेगा। सावन माह की शुरुआत इस बार चंद्र ग्रहण से हो रही है। दरअसल, 16 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण होगा और अगले ही दिन से सावन शुरू हो जाएगा। इसी दिन यानी 17 जुलाई को सूर्य राशि बदलकर मिथुन से कर्क में प्रवेश करेंगे। यह बुधवार का दिन होगा।
सावन-2019 का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ेगा। इसके बाद दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा 5 अगस्त और फिर चौथा 12 अगस्त को पड़ेगा। 15 अगस्त को सावन खत्म होगा और यह गुरुवार का दिन होगा।
Shravan Shivratri: सावन शिवरात्रि कब है?
सावन के महीने में शिवरात्रि का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि शिवरात्रि त्योहार के दिन भगवान शिव पर जल चढ़ाने से भगवान शिव अत्यधिक खुश होते हैं और भक्त की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार सावन की शिवरात्रि 30 जुलाई को है। यह मंगलवार का दिन है। शिवरात्रि के दिन लोग भगवान शिव को विशेष रूप से बेलपत्र और धतुरा चढ़ाते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9.10 से दोपहर 2 बजे तक है। वैसे, यह पूरा दिन बेहद शुभ रहता है और आप किसी भी समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
बता दें कि प्रत्येक साल 12 शिवरात्रियां आती हैं जो कि हर त्रयोदशी के दिन पड़ती हैं। इन सभी में हालांकि फाल्गुन और सावन के शिवरात्रि को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। शिवरात्रि के दिन भक्त उपवास रखकर भगवान शंकर की पूजा करते हैं। शिवरात्रि की रात में भी भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। इससे दुखों का नाश होता है। मान्यता है कि अगर कोई कुंवारी कन्या शिवरात्रि का व्रत रखती है तो उसे मनचाहा वर मिलता है।