Sarv Pitru Amavasya 2021: सर्वपितृ अमावस्या पर बन रहा है यह शुभ योग, ऐसे मिलेगा लाभ

By रुस्तम राणा | Published: October 2, 2021 01:56 PM2021-10-02T13:56:31+5:302021-10-02T14:04:42+5:30

इस बार सर्व पितृ अमावस्या के दिन 11 सालों बाद गजछाया योग का निर्माण हो रहा है। इससे पहले यह योग 2010 में बना था। 6 अक्‍टूबर को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 04:34 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे।

Sarv Pitru Amavasya 2021 tithi shubh yoga and significance | Sarv Pitru Amavasya 2021: सर्वपितृ अमावस्या पर बन रहा है यह शुभ योग, ऐसे मिलेगा लाभ

सर्व पितृ अमावस्या 2021

Highlightsसर्व पितृ अमावस्या पर 11 सालों बाद बन रहा है गजछाया योगइस योग में श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्‍न होते हैं और कर्ज से मिलती है मुक्ति

सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध पक्ष का विधिवत समापन होता है। आश्विन अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या, पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या कहते हैं। इस साल सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर बुधवार को है। सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध का अंतिम दिन होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण दिन भी होता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं और आश्विन माह की अमावस्या के दिन पुनः परलोक चले जाते हैं। एक प्रकार से सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों की विदाई का दिन है। इस बार महालय अमावस्या के दिन शुभ योग बन रहा है।

सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहा है शुभ योग

इस बार सर्व पितृ अमावस्या के दिन 11 सालों बाद गजछाया योग का निर्माण हो रहा है। इससे पहले यह योग 2010 में बना था। 6 अक्‍टूबर को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 04:34 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे। शास्‍त्रों के मुताबिक इस योग में श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्‍न होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह भी मान्यता है कि गजछाया योग में किए गए श्राद्ध और दान से पितरों की अगले 12 सालों के लिए आत्मा तृप्त हो जाती है।

इस विधि से करें पितरों का श्राद्ध

इस दिन प्रातः उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब श्राद्ध के लिए सात्विक भोजन तैयार करें। पकवान में से थोड़ा-थोड़ा भोजन निकाल कर एक थाली में लगाएं। अब अपने घर के आंगन में या छत पर जाकर पत्तल को दोनों में भोजन को जल के साथ रखें। अब पितरों से उसे ग्रहण करने का आग्रह करें और किसी भी त्रुटि के लिए उनसे क्षमा मांगे। शाम के समय सरसों के तेल के दीपक जलाकर चौखट पर रखें। अब पितरों से आशीर्वाद बनाए रखने और परलोक लौटने का आग्रह करें।

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व

सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितृजनों का तर्पण और पिंडदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाती है। यह केवल श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन ही नहीं होता है, बल्कि इस दिन उन पितरों का भी श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है। इस दिन विधि-विधान से पितरों का तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। 

Web Title: Sarv Pitru Amavasya 2021 tithi shubh yoga and significance

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