देशभर में आज सफला एकादशी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में एकादशी के बड़ी आस्था के साथ पूजा जाता है। मान्यता है कि एकादशी पर उपवास करने वालों को मोक्ष की प्राप्ती होती है। वैसे तो महीने में दो बार एकादशी आती है जिसमें लोग पूरी आस्था के साथ व्रत करते हैं। मगर पौष महीने में पड़ने वाली एकादशी यानी सफला एकादशी की मान्यता सबसे ज्यादा बताई जाती है।
माना जाता है कि जो जातक सफला एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें सफलता जरूर मिलती है। साथ ही उसके सभी कार्य सफल हो जाते हैं। इस साल सफला एकादशी 22 दिसंबर को पड़ी है। वहीं 21 दिसंबर की शाम से ही एकादशी तिथि की शुरुआत हो गई थी। मगर सूर्योदय के बाद ही किसी तीज की शुरुआत मानी जाती है।
सफलता एकादशी का व्रत करना सभी के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान श्रीकृष्ण के बीच की बातचीत के रूप में सफला एकादशी का महत्व मिलता है। माना जाता है कि एक हजार अश्वमेघ यज्ञ मिलक कर भी इतना लाभ नहीं दे सकते जितना सफला एकादशी का व्रत रख कर मिल सकती है।
सफलता एकादशी की शुभ तिथि
एकादशी तिथि प्रारंभ - 05:15 PM (21 दिसंबर)एकादशी तिथि समाप्त - 03:22 PM (22 दिसंबर)एकादशी पारण मुहूर्त - 07:10AM - 09:14 AM (23 दिसंबर को)
सफला एकादशी की पूजा विधि
1. इस दिन श्रद्धालुओं को भगवान अच्युत की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। 2. एकादशी वाले दिन सुबह जल्दी स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। 3. इसके बाद भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करना चाहिए।