Rishi Panchami 2019: भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किये जाने वाले ऋषि पंचमी व्रत सप्त ऋषियों को समर्पित है। यह व्रत उन ऋषियों का महत्व याद करने का दिन है जिन्होंने अपना जीवन मानव और समाज के बेहतर भविष्य के लिए समर्पित किया। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी स्त्री-पुरुषों को जाने-अनजाने हुई गलतियों और पापों से छुटकारा मिलता है।
इस बार ऋषि पंचमी व्रत 3 सितंबर को है। व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1.36 बजे तक रहेगा।
Rishi Panchami 2019: ऋषि पंचमी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र
ऋषि पंचमी के दिन महिलाओं को सूर्य निकलने से पहले जगना चाहिए और घर की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके बाद पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए। अगर नदी आसपास न हो तो घर में भी स्नान किया जा सकता है। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें और पूजा की तैयारी शुरू करें।
सबसे पहले घर में पूजा के स्थान पर चौका बना कर सप्तऋषि की प्रतिमा बनाएं। साथ ही भगवान गणेश और अरुधती की भी प्रतिमा बनाएं। उसके बाद कलश की स्थापना करें। घी, धूप-दीप जलाकर, फल आदि का भोग लगाएं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। ऋषि पंचमी की पूजा में इन मंत्रों का जाप करना चाहिए.... कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम: जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता: गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।
इस व्रत को करने को लेकर मान्यता है कि अगर किसी स्त्री से कोई पाप या गलत काम अनजाने में हो गया हो और वे उसका परिणाम भुगत रही हों ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखने से उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।