रहमत और बरकत का पाक महीना रमजान 6 मई से शुरू होने वाला है। इस पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे यानी उपवास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र महीने रोजे रखने, नमाज और कुरआन पढ़ने, दुआ करने, जकात देने आदि से अल्लाह तआला रोजेदारों की तमाम गुनाह माफ कर देते हैं।
रमजान को लेकर लोगों में कई तरह के मिथक भी हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इस पूरे महीने मुस्लिम लोग कुछ खाते-पीते नहीं हैं। कुछ का मानना है कि रमजान के दौरान यौन गतिविधियों में शामिल होना मना होता है। इस तरह की सभी बातों का जवाब मौलवी साहब इस्लाम खान दे रहे हैं।
रमजान में एक महीने तक लोग कुछ खाते-पीते नहीं हैंबहुत से लोग ऐसा मानते हैं लेकिन सच यह है कि रोजेदार सुबह सूरज निकलने से पहले यानी सहरी में और शाम को सूरज डूबने के बाद यानी इफ्तारी में भोजन कर सकते हैं। यानी इफ्तार के बाद आब पूरी रात कुछ भी खा-पी सकते हैं। हालांकि इन दिनों शराब और स्मोकिंग का सेवन हराम माना गया है।
स्नान नहीं कर सकते कुछ लोग मानते हैं कि रमजान के दिनों नहीं नहाना चाहिए। इसके पीछे तर्क देते हैं कि नहाने से रोजा टूट सकते है। आपको बता दें कि नहाने से रोजा नहीं टूटता है। जब तक पानी मुंह से नहीं निगला जाता, तब तक रोजा नहीं टूटता।
आप दवा नहीं खा सकते हैंऐसा माना जाता है कि इस महीने मुस्लिम लोग दवा नहीं खा सकते हैं। आपको बता दें कि बीमारी, गर्भवती महिलाओं और अन्य कई शर्तों में रोजा नहीं रखने गुनाह नहीं है। ऐसे में ऐसे लोगों पर यह नियम लागू ही नहीं होता है कि वो दवाएं न खायें।
रमजान के दौरान किन-किन चीजों से बचना चाहिएअपशब्दों का प्रयोगरमजान केवल भोजन से उपवास नहीं है, यह बुरे कार्यों से भी उपवास है। यह आपको आत्म-जागरूक बनाने वाला है, इसलिए अपने मुंह से निकलने वाली हर चीज के बारे में सोचें और खुद से पूछें कि क्या यह कुछ अच्छा है। झूठ बोलने, गपशप करने, पीछे हटने, असभ्य, शपथ लेने से बचने की कोशिश करें।
चुइगंम चबाने से बचेंरमजान के महीने में रोजेदारों को चुइगंम चबाने से बचने चाहिए। क्योंकि इससे आपका रोजा टूट सकता है। इसका कारण यह है कि चुइगंम चबाने से आपका थूक निकलता है और अगर गलती से थूक अंदर चला गया, तो रोजा मकरूह हो जाता है।
यौन गतिविधियों से बचेंइस बात में काफी सच्चाई है कि रमजान के दौरान यौन गतिविधियों में शामिल होने से बचना चाहिए। हालांकि रोजे के घंटों के दौरान लागू होता है, रात के दौरान नहीं।
पानी पीने से बचेंबेशक यह यातना की तरह लग सकता है, खासकर गर्मी के महीने में 17 घंटे से अधिक समय तक भूखे प्यासे रहते हैं। हालांकि आप सहरी में और इफ्तार के बाद पानी पी सकते हैं।