Ramadan 2019: भारत में कब शुरू होंगे रमजान, जानिये इस महीने में दिनभर क्यों भूखे-प्यासे रहते हैं मुसलमान
By उस्मान | Updated: May 1, 2019 18:09 IST2019-05-01T17:53:07+5:302019-05-01T18:09:02+5:30
रमजान 2019 (Ramadan 2019): रमजान का पाक महीना मुस्लिम लोगों के लिए बेहद खास होता है। माना जाता है कि इन माह में जन्नत के दरवाज खुल जाते है। इस माह में की गई इबादतों का सबाब अन्य माह से दोगुना मिलता है।

फोटो- पिक्साबे
Ramadan 2019: रमजान का पाक महीना शुरू होने वाला है। इस्लामी कैलेंडर के इस नौवें महीने के दौरान, मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पिए रहकर रोजा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। रामजान के दिनों जकात यानी दान देना, कुरान पढ़ना, नामज पढ़ना आदि कामों से अल्लाह तआला खुश होते हैं और अपने बंदे के तमाम गुनाह माफ कर देते हैं।
रमजान क्या है और इसका क्या महत्त्व है? (Ramadan facts and history)
लगभग एक महीना रोजे रखना का उद्देश्य पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को याद करना है। रमजान का पाक महीना मुस्लिम लोगों के लिए बेहद खास होता है। माना जाता है कि इन माह में जन्नत के दरवाज खुल जाते है। इस माह में की गई इबादतों का सबाब अन्य माह से दोगुना मिलता है। इस माह का इंतजार बहुत ही शिद्दत के साथ लोगों को होता है।
भारत में कब है रमजान (Ramadan 2019 Date in India)
रमजान के महीने में 29 या 30 दिनों तक रोजे यानी उपावास रखे जाते हैं। हर साल इसका समस्य और दिन बदलते रहते हैं। इसका कारण यह है कि रमजान की तारीख चंद्र कैलेंडर पर निर्भर करती है, जो हमारे आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से 11 दिन कम है।
इस साल यानी 2019 में रमजान की तारीख 5 मई, रविवार है और रमजान समाप्त होने की तारीख 4 जून, मंगलवार है। इस तरह मीठी ईद (Eid al Fitr 2019) का त्योहार 6 जून को मनाया जा सकता है। हालांकि यह तब मान्य होगा, जब 4 मई को रमजान का चांद दिखेगा। क्योंकि रमजान और ईद के सही तारीख इस्लामिक कैलेंडर के 9वें महीने (हिजरी 1440) के अनुसार तय होती है। यह महीना 29 या 30 दिन का होता है और इस महीने की लंबाई शव्वाल चंद्रमा के देखे जाने के आधार बदल सकती है।
इस दौरान मुस्लिम समुदाय के सभी स्वस्थ लोग रोजे रखकर अल्लाह की इबादत में लग जाएंगे। सुबह सूरज निकलने से पहले सहरी यानी सुबह खाना खाकर पूरे दिन भूखे-प्यासे रहकर नमाज और कुरआन पढ़ेंगे और शाम का सूरज ढलने के बाद इफ्तारी से रोजा खोलेंगे। यह सिलसिला एक महीने तक चलेगा और रमजान के बाद 4 जून को मुसलमानों का सबसे बड़ा पर्व ईद मनाया जाएगा।
रमजान और अहमियत (History and Obligations)
कुरान के अनुसार, अल्लाह ने अपने दूत के रूप में पैगम्बर साहब को चुना तथा रमजान के दौरान ही उनको कुरान के बारे में पता चला था। रमजान के आखिरी 10 दिनों का सबसे ज्यादा महत्व होता हैं क्योंकि इन्हीं दिनों में कुरान पूरी हुई थी। रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा 1 से 10 रोजे तक होता है, जिसमें बताया गया है कि यह रहमतों (कृपा) का दौर होता है। वहीं दूसरे दस दिन मगफिरत (माफी) का और आखिरी हिस्सा जहन्नुम (नर्क) की आग से बचाने का करार दिया गया है।
रमजान से जुड़ी मान्यताएं
माना जाता है कि रमजान के पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं।
इस माह में किए गए अच्छे कर्मों का फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
खुदा अपने बंदों के अच्छे कामों पर नजर रखता है, उनसे खुश होता है।
कहते हैं कि रमजान के पाक महीने में नर्क के दवाजे बंद कर दिये जाते हैं।
माहे रमजान में नफिल नमाजों का सवाब फर्ज के बराबर माना जाता है।
पाक रमजान महीने में फर्ज नमाजों का सवाब 70 गुणा बढ़ जाता है।
रोजेदार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों से देखना मना होता है।
रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है।
महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं। ऐसा करने से इंसान के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।



