Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal: रक्षाबंधन के दिन भद्रा के समय भूलकर भी न बांधें भाई की कलाई में राखी, जानिए कारण

By रुस्तम राणा | Published: August 8, 2022 02:08 PM2022-08-08T14:08:13+5:302022-08-08T14:08:13+5:30

हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्राकाल 11 अगस्त 2022 को शाम 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू होकर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा। फिर 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू होकर रात्रि 8 बजे तक रहेगा।

Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal timing and significance | Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal: रक्षाबंधन के दिन भद्रा के समय भूलकर भी न बांधें भाई की कलाई में राखी, जानिए कारण

Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal: रक्षाबंधन के दिन भद्रा के समय भूलकर भी न बांधें भाई की कलाई में राखी, जानिए कारण

Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal Timing: रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इस साल भाई-बहन का यह त्योहार 11 अगस्त, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई इस रक्षा सूत्र का धर्म निभाते हुए बहन की जीवनभर रक्षा करने का संकल्‍प निभाते हैं। किंतु रक्षाबंधन पर भद्राकाल का विचार किया जाता है। इस समय भाई के हाथ में राखी नहीं बांधी जाती है। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण- 

रक्षाबंधन पर भद्राकाल का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्राकाल 11 अगस्त 2022 को शाम 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू होकर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा। फिर 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू होकर रात्रि 8 बजे तक रहेगा। इस दौरान बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें। किंतु अगर किसी कारणवश भद्राकाल में राखी बांधना पड़े तो प्रदोषकाल में अमृत, शुभ, लाभ का चौघड़िया देखकर राखी बांध सकते हैं। 11 अगस्त को अमृत काल शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। 

भद्रा में क्यों नहीं बांधते हैं राखी?

भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है। शास्त्रों के अनुसार, भद्राकाल राखी बांधने का अशुभ समय होता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा ये है कि शनिदेव की बहन का नाम भद्रा है, जिसका स्वभाव बेहद क्रूर माना जाता है। मान्यता है कि वह हर मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ में विघ्न डालती है, इसलिए भद्राकाल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता। इसके परिणाम अशुभ होते हैं। कहते हैं कि लंका नरेश रावण की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी थी जिसके कारण रावण का सर्वनाश हो गया था।  

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 

रक्षाबंधन पर राखी बांधने के कई अबूझ मुहूर्त रहेंगे। इस दिन सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 2 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा। फिर दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। इस दौरान आप कोई भी शुभ मुहूर्त देखकर भाई को राखी बांध सकते हैं।

Web Title: Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal timing and significance

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