प्रदोष व्रत 2018: भादो का पहला प्रदोष व्रत शादी-शुदा जीवन में चाहते हैं शांति तो 7 सितम्बर के प्रदोष में करें इन चीजों का दान

By मेघना वर्मा | Published: August 29, 2018 05:01 PM2018-08-29T17:01:29+5:302018-08-29T17:01:29+5:30

pradosh vrat 2018: भादो का पहला प्रदोष स्त्रों की मानें तो प्रदोष व्रत करने से लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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प्रदोष व्रत 2018: भादो का पहला प्रदोष व्रत शादी-शुदा जीवन में चाहते हैं शांति तो 7 सितम्बर के प्रदोष में करें इन चीजों का दान

सावन माह के खत्म होने के बाद सितम्बर महीने की 7 तारिख को पहला प्रदोष पड़ रहा है। इस प्रतोष व्रत को इसलिए भी खास बताया जा रहा है कि यह भादो मास का पहला प्रदोष होगा। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। साथ ही आपकी सभी मनोकामना भी पूरी हो जाती है। यह व्रत चंद्र मास के त्रयोदिशी पर रखा जाता हैं। इस बार का प्रदोष व्रत खास शुक्रवार को पड़ रहा है जिस कारण भी इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। आज हम आपको इसी व्रत की पूजा विधी और इससे जुड़े कुछ अन्य बातें बताने जा रहे हैं। साथ ही बताएंगे कि इस प्रदोष पर किन चीजों को दान करने से आपके सारे कष्ट दूर होंगे साथ ही आपको दामपत्य जीवन का भी सुख मिलेगा। 

जन्म-जन्मान्तर के फेरों से मिलती है मुक्ति

शास्त्रों की मानें तो प्रदोष व्रत करने से लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जन्म-जन्मान्तर के फेरों से छूटकर लोग मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं। कहा ये भी जाता है कि इस प्रदोष व्रत को करने से दो गायों के दान देने जितना पुन्य प्राप्त होता है। अगर एक पुरानी मान्यता की बात करें तो उसके अनुसार जब दुनिया में चारों ओर अधर्म की स्थित होगी, लूट-पाट, चोरी, अपराध आदि बढ़ जाएंगे, अन्याय और अनाचार का एकाधिकार होगा उस समय जो शिव की अराधना करेगा उस पर शिव की कृपा होगी और वह सुखी रहेगा। 

हर दिन का अलग होता है फल

प्रदोष व्रत महीनें में दो बार रखा जाता है। प्रदोष व्रत किसी भी दिन पड़ सकता है मगर हर दिन के हिसाब से इसके लाभ अलग-अलग होते हैं। 

रविवार - प्रदोष व्रत अगर रविवार को पढ़ता है तो उससे आयु के बढ़ने और स्वस्थ रहने का लाभ प्राप्त किया जा सका हैं।

सोमवार -  इसे सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि ये दिन शिव जी का माना जाता है और प्रदोष पड़ने पर इसका और भी लाभ होता है। इस दिन प्रदोष का व्रत करने से आरोग्य प्रदान करता है। 

मंगलवार - इस दिन प्रदोष पड़ने से रोगों से मुक्ति मिलती है। 

बुधवार - इस दिन प्रदोष का व्रत करने से आपकी सभी मन की मुराद पूरी होती है। 

गुरुवार - इस दिन प्रदोष का व्रत पड़ने से आपके शत्रुओं का विनाश होता है। 

शुक्रवार - जिन लोगों के दाम्पत्य जीवन में शांति नहीं रहती उन लोगों को शुक्रवार का प्रदोष व्रत खासा करना चाहिए इससे उनके शादीशुदा जिंदगी में शांति बनी रहती है। 

शनिवार - जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं होती वह शनिवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत कर सकते हैं। 

प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शिव की उपासना

* प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठे और सूर्य उदय से पहले ही नहा लें। 
* इसके बाद पूजा तक सिर्फ भगवान शिव का स्मरण करें। 
* इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है, कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो ये व्रत निराजल भी रखते हैं। 
* पूरे दिन व्रत रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर सफेद कपड़े पहन लें। 
* पूजा की जगह को गंगाजल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर, मंडप को तैयार करें। 
* अब इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाएं। 
* प्रदोष व्रत कि पूजा करने के लिए कुशा के आसन का उपयोग करें।  
* उतर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठे और भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा करें। 
* पूजा में भगवान शिव के मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए शिव को जल चढ़ाएं।

   

इन चीजों का करें दान

भादो माह के सबसे पहले पड़ने वाले इस प्रदोष व्रत में कुझ खास चीजों का दान भी किया जाता है। इस व्रत में लोहा, तिल, काली उड़द, शकरकंद, मूली, कंबल, जूता और कोयला आदि चीजों का दान करने से शनि से मुक्ति भी मिल सकती है। 

English summary :
Pradosh vrat 2018: Pradosh vrat 2018: After the end of the Sawan month, the first pradush will on 7th September 2018. It is believed that Lord Shiva is pleased with fasting this day.Today, we are going to tell you worship methord and some other related facts of Pradosh vrat .


Web Title: pradosh vrat 2018, pradosh vrat puja, pradosh vrat puja vidhi pradosh vrat significance and impotence in hindi

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