हिन्दू पंचाग के अनुसार हर महीने का अपना एक महत्व होता है. हर मास के आराध्य देव भी होते हैं. जैसे सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है वैसी ही पौष का महिना में भगवान सूर्य देव उपासना के लिए विशेष महत्व माना जाता है. इस साल पौष का महीना 22 दिसंबर से लग रह है. जो अगले साल 20 जनवरी 2020 तक रहेगा. मान्यता है कि पौष महीने में नियमित रूप से सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति स्वस्थ्य और संपन्न रहता है. साथ ही उसे किसी भी तरह का काष्ट नहीं होता. आइये जानते हैं पौष मास के महत्व के बारें में.
पौष महीनें का महत्वपौष के महीने को बहुत से लोग पूस का महीना भी कहते हैं. इस महीने में ठंड बढ़ जाती है. पुरानी मान्यताओं के अनुसार पौष के महीने में भगवान सूर्य देव की पूजा की जानी चाहिए. सूर्य के भग नाम के स्वरूप की पूजा पौष माह में की जाती है. इस महीने सूर्य को अर्घ्य देने के साथ उपवास रखने का भी महत्व बताया जाता है. इसके साथ ही पौष माह में आपको तिल और चावल की खिचड़ी का भोग भी सूर्य भगवान को लगाना चाहिए.
पौष महीनें में करें ये काम 1) पौष के महीने में सुबह सूर्य उदय होने से पहले ही उठ जाएं और नहाकर तैयार हो जाएं। सूर्य उदय होते समय सूर्य देव को अर्घ्य दें2) सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें। यदि संभव हो तो इस जल में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें3) सूर्य देव को अर्घ्य देने के अलावा पौष के महीने में हर रविवार गुड़ का दान करें। ऐसा करने से भी सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं4) यदि घर में बच्चे पढ़ाई में कमजोर हो रहे हैं तो रोज सुबह उनसे सूर्य को जल अर्पित करवाएं। हर रविवार उनसे गुड़ और रोटी का दान भी कराएं। ऐसा करने से सूर्य देव खुश होकर बच्चों को 'मानसिक तेज' प्रदान करेंगे
रहे इन चीजों से दूर1) पौष महीने में नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए।2) इस महीने में कोशिश करें कि सफेद चीनी का इस्तेमाल ना करें। बल्कि इसकी जगह गुड़ का उपयोग करें।3) यह सूर्य देव का महीना माना जाता है इसलिए इस महीने में कभी भी रात का बासी खाना ना खाएं।