Parivartini Ekadashi 2024: कब है परिवर्तनी एकादशी व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व
By रुस्तम राणा | Updated: September 9, 2024 14:10 IST2024-09-09T14:10:14+5:302024-09-09T14:10:14+5:30
Parivartini Ekadashi 2024: इस साल 14 सितंबर शनिवार को परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु जी चतुर्मास की निद्रासन के बीच अपनी करवट बदलते हैं, जो एक तरह का परिवर्तन होता है। इसी कारण से इसे परिवर्तनी एकादशी कहा जाता है।

Parivartini Ekadashi 2024: कब है परिवर्तनी एकादशी व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व
Parivartini Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat Timing: परिवर्तनी एकादशी व्रत भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इसे जलझूलनी एकादशी और पद्मा एकादशी भी कहा जाता है। इस साल 14 सितंबर शनिवार को परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु जी चतुर्मास की निद्रासन के बीच अपनी करवट बदलते हैं, जो एक तरह का परिवर्तन होता है। इसी कारण से इसे परिवर्तनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
परिवर्तनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 2024
एकादशी तिथि प्रारंभ - 13 सितंबर, शुक्रवार को रात 10 बजकर 40 मिनट पर
एकादशी तिथि का समापन - 14 सितंबर, शनिवार को रात 08 बजकर 41 मिनट पर
एकादशी के दिन पूजा का मुहूर्त- प्रातः 07:38 से प्रातः 09:11 तक रहेगा
व्रत पारण का समय - 15 सितंबर, रविवार को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक
परिवर्तनी एकादशी व्रत विधि
परिवर्तन एकादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें, साफ-सफाई कर स्नान ध्यान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। अब भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। फलों एवं फूलों से विष्णुजी की भक्तिपूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। दिन में निराहार व्रत का पालन करें। इस व्रत में रात्रि जागरण करें। द्वादशी तिथि के दिन प्रातः ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा दें।
परिवर्तनी एकादशी महत्व
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, एकादशी का व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। भादो शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली परिवर्तनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि परिवर्तनी एकादशी के भगवान विष्णु जी के वामन अवतार की पूजा करने मात्र से व्रती को वाजपेय यज्ञ के समान फल मिलता है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से ब्रह्मा-विष्णु सहित तीनों लोकों के देवता के पूजन का फल मिलता है।