चैत्र नवरात्रि की शुरुआत अगले हफ्ते हो रही है। हालांकि, इससे पहले पंचक भी लगने जा रहा है। चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से है और नवमी 2 अप्रैल को पड़ेगी। वहीं पंचक की शुरुआत कल यानी 21 मार्च (शनिवार) से हो जाएगी। पंचांग के अनुसार पंचक की शुरुआत शनिवार सुबह 6.21 बजे से होगी। पंचक हर 27 दिनों में लगता है। यह करीब पांच दिनों तक चलता है और इस काल को हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है।
Panchak In March 2020: पंचक कब से है? जानिए तिथि और समय
पंचक इससे पहले फरवरी में 23 से 28 तारीख के बीच लगा था। वहीं, मार्च में लगने वाला पंचक कल से शुरू हो रहा है। सुबह 6.21 बजे से लगने वाले इस पंचक काल का समापन 26 मार्च (गुरुवार) को सुबह 7.17 बजे होगा।
ऐसे में इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत और कलश स्थापना आदि पंचक काल में ही किया जाएगा। नवरात्रि शक्ति की अराधना का त्योहार है। इसलिए इस पावन समय में पंचक मान्य नहीं होगा और मां दुर्गा की पूजा और हवन आदि किये जा सकते हैं।
Panchak In March 2020: पंचक क्या होता है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन रहता है। इस तरह दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक रहता है। इन्हीं पांच दिनों के दौरान चंद्रमा जब आखिरी पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है तो इसे पंचक कहते हैं।
कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इसी में आखिरी पांच को दूषित माना गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। यह इस बात पर निर्भर है कि पंचक की शुरुआत किस दिन से हुई है।
दरअसल, अगर पंचक की शुरुआत रविवार से होती है तो उसे रोग पंचक कहते हैं, ऐसे ही शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। सोमवार से शुरू हुए पंचक को राजपंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, बुध और गुरुवार को अशुभ जबकि शुक्रवार को चोर पचंक कहा जाता है। इस लिहाज से इस बार का पंचक मृत्यु पंचक कहा जाएगा।
Panchak In March 2020: पंचक में इन बातों का रखें ध्यान
पंचक को चूकी अशुभ माना गया है इस अवधि में शुभ काम करने की मनाही होती है। ऐसी भी मान्यता है कि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसे यम की दिशा के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इस दिशा में यात्रा से हानि और कष्ट की आशंका रहती है।
यही नहीं, पंचक के दौरान सोने के लिए स्थान जैसे पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर आदि खरीदना भी अच्छा नहीं माना गया है। मान्यताओं के अनुसार ये सभी काम पंचक काल में टाल देने चाहिए। पंचक काल में घर की छत नहीं डाली जानी चाहिए। इसे नुकसान और घर में क्लेश की आशंका बनती है।