Christmas 2023: दुनियाभर में दिसंबर के अंत तक क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। ईसाई धर्म को मनाने वाले लोग यीशु के जन्म के प्रतीक के रूप में इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। 25 दिसंबर को अब बस कुछ ही दिन बचे हैं।
ज्यादातर देशों में 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सभी देशों में 25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं मनाया जाता था? ऐसे 2-4 नहीं बल्कि 15 देश हैं। इस वजह से इन देशों को रूढ़िवादी भी कहा जाता है।
रूस सहित मध्य पूर्व के कई देश जनवरी में क्रिसमस मनाते हैं। दुनिया भर के अधिकांश देशों के विपरीत, ये देश जनवरी के सातवें दिन क्रिसमस मनाते हैं। इन देशों में क्रिसमस अधिकांश देशों के 13 दिन बाद 7 जनवरी को मनाया जाता है।
इन देशों में मनाया जाता है 7 जनवरी को क्रिसमस
7 जनवरी को क्रिसमस मनाने के पीछे का कारण जानने से पहले हम आपको बताते हैं कि वो 15 देश कौन से हैं। ऐसा करने वाले देशों में रूस, मिस्र और इजराइल बड़े नाम हैं। इन देशों के अलावा यूक्रेन, बुल्गारिया, मोल्दोवा, मैसेडोनिया, इथियोपिया, जॉर्जिया, ग्रीस, रोमानिया, सर्बिया, बेलारूस, मोंटेनेग्रो और कजाकिस्तान भी 25 दिसंबर के बजाय 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं।
क्या है वजह?
इन देशों में 25 दिसंबर की जगह 7 जनवरी को क्रिसमस मनाने के पीछे का कारण यहां का कैलेंडर है। दरअसल, ग्रेगोरियन और जूलियन कैलेंडर में अंतर है, जिसके कारण तारीख में बदलाव होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत पोप ग्रेगरी ने वर्ष 1582 में की थी, जबकि जूलियन कैलेंडर की शुरुआत जूलियस सीजर ने 46 ईसा पूर्व में की थी। दोनों के बीच 13 दिन का अंतर है।
अलग-अलग देशों में अलग-अलग कैलेंडर का पालन किया जाता है। वर्ष 1752 में इंग्लैंड ने जूलियन कैलेंडर के स्थान पर ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन करना शुरू कर दिया। अधिकांश पश्चिमी देश इसी कैलेंडर का पालन करते आ रहे हैं। हालाँकि, कई लोगों ने नए कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया और पहले से मौजूद जूलियन कैलेंडर का पालन किया।
गौरतलब है कि मध्य पूर्व में कुछ लोग आज भी जूलियन कैलेंडर को फॉलो कर रहे हैं। दोनों कैलेंडरों के बीच 13 दिनों के अंतर के कारण, जूलियन कैलेंडर का पालन करने वाले देशों में 7 जनवरी को क्रिसमस दिवस मनाया जाता है। इसे 'ओल्ड क्रिसमस डे' कहा जाता है।
(डिस्केलमर: इस आर्टिकल में मौजूद सभी तथ्य और जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। इस लेख का कोई प्रमाणित संदर्भ नहीं है कृपया इसका पालन करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)