गंगा से भी पवित्र एक नदी जो उल्टा बहती है! क्या है कारण और क्यों है ये सबसे अलग, पढ़ें ये दिलचस्प कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 7, 2020 10:05 AM2020-01-07T10:05:16+5:302020-01-07T10:05:16+5:30

गंगा सहित कई नदियां जहां पश्चिम से पूर्व की ओर जाते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं वहीं, नर्मदा अरब सागर में जाकर मिलती है। नर्मदा ऐसी नदी है जिसे लेकर कई रोचक पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं।

Narmada River which flows from East to west know why it is called more sacred than Ganga | गंगा से भी पवित्र एक नदी जो उल्टा बहती है! क्या है कारण और क्यों है ये सबसे अलग, पढ़ें ये दिलचस्प कहानी

गंगा से भी पवित्र एक नदी जो उल्टा बहती है (फाइल फोटो)

Highlightsभारत की ज्यादातर नदियां एक ही दिशा पश्चिम से पूरब की ओर बहती हैंनर्मदा नदी हालांकि पूरब से पश्चिम की ओर बहती है, कई पौराणिक कथाएं हैं प्रचलित

भारत की ज्यादातर नदियां एक ही दिशा पश्चिम से पूरब की ओर बहती हैं। इसमें गंगा से लेकर यमुना और गोदावरी जैसी बड़ी नदियां भी शामिल हैं। हालांकि, क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक ऐसी भी नदी है वह पश्चिम से पूरब की ओर नहीं बल्कि उल्टी दिशा यानी पूरब से पश्चिम की ओर से बहती है। उल्टी दिशा में बहने वाली ये नर्मदा नदी है। प्राचीन धर्म ग्रंथों में नर्मदा को ही रेवा भी कहा गया है।

गंगा सहित कई नदियां जहां पश्चिम से पूर्व की ओर जाते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं वहीं, नर्मदा अरब सागर में जाकर मिलती है। नर्मदा ऐसी नदी है जिसे लेकर कई रोचक पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। ऐसी भी मान्यता है कि गंगा में स्नान से जो पुण्य हासिल होता है वह नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से मिल जाता है। 

इस नदी के हर कंकड़ को भगवान शिव के समान माना गया है जिसे नर्मदेश्वर महादेव के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं में नर्मदा को लेकर ऐसी रोचक बातें है जिसे जानकर आप भी हैरान होंगे।

नर्मदा क्यों उल्टा बहती है और क्यों इस कहते हैं कुंवारी नदी?

नर्मदा के बारे में ऐसी मान्यता है वे राजा मैखल की पुत्री थीं। उनका विवाह राजकुमार सोनभद्र से तय हुआ था। कहते हैं कि विवाह तय होने के बाद नर्मदा की इच्छा हुई वे ये जानें कि सोनभद्र दिखते कैसे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी दासी जुहिला को संदेश के साथ राजकुमार के पास भेजा।

कई दिनों तक जब जुहिला वापस नहीं लौटी तो नर्मदा खुद उसकी खोज में निकल गईं। सोनभद्र के पास जब वे पहुंची तो वहां उन्होंने जुहिला को राजकुमार के साथ देखा। प्यार में मिले इस धोखे से नर्मदा इतनी आहत हुईं कि उन्होंने आजीवन कुंवारी रहने का फैसला कर लिया और मुंह मोड़ कर उल्टी दिशा में चल पड़ीं।

ऐसी ही एक कथा और है जिसके अनुसार नर्मदा और सोनभद्र अमरकंटक की पहाड़ियों में एक साथ पले बढ़े।किशोरावस्था में दोनों में प्रेम हो गया। इसी बीच नर्मदा की सहेली जुहिला का सोनभद्र के जीवन में आगमन हुआ।

सोनभद्र अब जुहिला को चाहने लगे। नर्मदा को जब ये पता चला तो वह क्रोधित होकर उल्टी दिशा में चल पड़ीं। भौगोलिक स्थिति को भी अगर आप देखें तो नर्मदा नदी एक जगह आकर सोनभद्र से अलग हो जाती है। कथा में जिस जुहिला का जिक्र है, वह एक छोटी नदी है।

गंगा से भी पवित्र नर्मदा नदी!

पौराणिक कथाओं के अनुसार नर्मदा ने बाद में कई हजारों साल तक भगवान शिव की तपस्या की। इसके बाद भगवान शंकर ने उन्हें कई वरदान दिए। इसमें प्रलय में भी उनके अविनाशी रहने सहित नर्मदा में पाए जाने वाले पाषाणों के शिवलिंग होने का वरदान शामिल है। साथ भगवान शिव ने नर्मदा को धरती की एकमात्र पाप नाशिनी होने का भी वरदान दिया।

इसलिए ऐसी मान्यता है कि नर्मदा में पाए जाने वाले शिवलिंग को बिना प्राण-प्रतिष्ठा के ही पूजा जाता है। नर्मदा को अपने तट पर भगवान शिव और माता पार्वती सहित सभी देवताओं के वास करने का भी वरदान हासिल है। पद्म पुराण में भी नर्मदा की महिमा का वर्णन है।

पुण्या कनखले गंगा, कुरुक्षेत्रे सरस्वती
ग्रामे वा यदि वारण्ये, पुण्या सर्वत्र नर्मदा

इसका मतलब हुआ, ‘कनखल क्षेत्र में गंगा पवित्र है और कुरुक्षेत्र में सरस्वती। गांव हो चाहे वन, नर्मदा सर्वत्र पवित्र है।' साथ ही ये भी कहा गया है- 'यमुना का जल एक सप्ताह में, सरस्वती का तीन दिन में, गंगाजल उसी दिन और नर्मदा का जल उसी क्षण पवित्र कर देता है।’ 

Web Title: Narmada River which flows from East to west know why it is called more sacred than Ganga

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे