नृसिंह जयंती आज, इस शक्तिशाली मंत्र से करें विष्णु अवतार का आह्वान, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

By गुलनीत कौर | Published: May 17, 2019 09:50 AM2019-05-17T09:50:13+5:302019-05-17T09:50:13+5:30

भगवान नृसिंह को हिन्दू धर्म में शक्ति तथा पराक्रम के देवता माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान नृसिंह आधे मानव और आधे जीव हैं। उनका मुख एक शेर का है और शरीर का निचला हिस्सा मनुष्य की तरह ही है।

Narasimha Jayanti 2019: Fourth avatar of Lord Vishnu, Know significance, date, puja time, shubh muhurat, puja vidhi, Lord Narasimha mantra | नृसिंह जयंती आज, इस शक्तिशाली मंत्र से करें विष्णु अवतार का आह्वान, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

Narasimha Jayanti 2019: नृसिंह जयंती आज, इस शक्तिशाली मंत्र से करें विष्णु अवतार का आह्वान, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहर्ता माना जाता है, यानी जो इस संसार में जीव-जंतुओं की रक्षा करता है। हिन्दू मान्यता अनुसार भगवान विष्णु ने तब तब अवतार धारण किया जब कोई बड़ा संकट आया हो। आज भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार की जयंती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार 'भगवान नृसिंह' ने अवतार धारण किया था। 

कौन हैं भगवान नृसिंह? (Who is Lord Narasimha)

हिन्दू धर्म में यह दिन नृसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष 17 मई 2019, दिन शुक्रवार को नृसिंह जयंती मनाई जा रही है। भगवान नृसिंह को हिन्दू धर्म में शक्ति तथा पराक्रम के देवता माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान नृसिंह आधे मानव और आधे जीव हैं। उनका मुख एक शेर का है और शरीर का निचला हिस्सा मनुष्य की तरह ही है।

नृसिंह जयंती की कथा (Narasimha Jayanti katha in hindi)

एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार भगवान नृसिंह  ने दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए अवतारधारण किया था। ये विष्णु के चौथे अवतार हैं। राजा हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से नफ़रत करता था किन्तु राजा का पुत्र प्रहलाद बहुत बड़ा विष्णु भक्त था। राजा ने अहंकार में आकर अपने पुत्र का वध करना चाहा, तभी प्रहलाद को बचाने के लिए भगवान नृसिंह प्रकट हुए और अपने हाथों से राजा की छाती को फाड़कर उसका वध किया।

नृसिंह जयंती तिथि, महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त (Narasimha Jayanti 2019 date, time, significance)

पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि 17 मई की सुबह सूर्य उदय से प्रारंभ हो जाएगी। पूजा के लिए केवल 2 घंटे और 37 मिनट का समय शुभ बताया गया है। नृसिंह जयंती की पूजा शाम के समय होगी। 17 मई की शाम 4 बजकर 20 मिनट से लेकर 6 बजकर 58 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ है। इस बीच कभी भी भगवान नृसिंह की पूजा करके उन्हें खुश किया जा सकता है। 

नृसिंह जयंती पूजा विधि (Narasimha Jayanti puja vidhi)

पूजा की विधि बेहद सरल है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण कर लें। भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को पीला रंग ;प्रिय होता है। वस्त्र धारण करके घर में ही या फिर मंदिर जाकर भी पूजा कर सकते हैं। भगवान नृसिंह (विष्णु) की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। विष्णु मंत्र का निरंतर जाप करते हुए फल, फूल, चन्दन, कपूर, रोली, धूप, कुमकुम, केसर, अक्षत, गंगाजल, काले तिल, पीताम्बर, सभी वस्तुएं एक एक करके अर्पित करें। अंत में आरती करें और गरीबों में फल, फूल, पीले वस्त्र और अनाज दान करें। 

नृसिंह जयंती मंत्र (Narasimha Jayanti mantra)

‘नैवेद्यं शर्करां चापि भक्ष्यभोज्यसमन्वितम्। ददामि ते रमाकांत सर्वपापक्षयं कुरु'

English summary :
Narasimha Jayanti 2019: Narasimha is the Fourth avatar of Lord Vishnu and today is Narasimha Jayanti. Know on Narasimha Jayanti the significance, date, puja time, shubh muhurat, puja vidhi, Lord Narasimha mantra.


Web Title: Narasimha Jayanti 2019: Fourth avatar of Lord Vishnu, Know significance, date, puja time, shubh muhurat, puja vidhi, Lord Narasimha mantra

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