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Nag Panchami 2020: आज दिन भर खुले रहेंगे भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के पट, ऐसे करें दर्शन

By बृजेश परमार | Updated: July 25, 2020 07:23 IST

श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दी की अदभुत प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में फन फैलाए नाग देवता के आसन पर भगवान शिव पार्वती बैठे हैं। बताया जाता है कि पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान श्री भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजित हैं।

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ठळक मुद्देनागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी।श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार चौबीस घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलते हैं।

उज्जैन।आज शनिवार 25 जुलाई को श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। शुक्रवार मध्य रात्रि से मंदिर के द्वितीय तल स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव के मंदिर के पट खोलकर महानिर्वाणी अखाड़ा की और से परंपरागत पूजा से इसकी शुरूआत की गई। मंदिर के पट 24 घंटे खुले रहकर शनिवार मध्य रात्रि को पूजन उपरांत बंद किए जाएंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार चौबीस घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलते हैं। सनातन धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। सनातन परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है।

अद्भुत प्रतिमा के होंगे दर्शन

श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दी की अदभुत प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में फन फैलाए नाग देवता के आसन पर भगवान शिव पार्वती बैठे हैं। बताया जाता है कि पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान श्री भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजित हैं। साथ में दोनों के वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। बताया जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

त्रिकाल पूजा होगी

नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। शुक्रवार रात मंदिर के पट खुलने के पश्चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी, कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने प्रथम पूजन व अभिषेक किया। पूजन में सर्व प्रथम गणेश पूजन, क्रमबद्ध सभी विग्रहों का पूजन किया गया। इसके बाद श्री नागचन्द्रेश्वर का पूजन किया गया। शनिवार को अपरान्ह 12 बजे अखाड़े द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात श्री नागचन्द्रेश्वर जी की पूजा मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जाएगी। मंदिर के पट शनिवार रात्रि 12 बजे बंद होंगे।

कोरोना संक्रमण में मात्र ऐसे होंगे दर्शन

कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत श्रद्धालु अपने घरों से विभिन्न प्रसार मध्यमों लोकल केबल, फेसबुक पेज, मंदिर की वेबसाइट, ट्विटर व विभिन्न चैनल आदि पर श्री नागचन्द्रेश्वर के दर्शन का लाभ ले सकेंगे। मंदिर में दर्शन की वर्तमान व्यवस्था अनुसार केवल मध्य प्रदेश के निवासी जिन्हें ऑनलाईन प्रिबुकिंगअनुमति प्राप्त हो चुकी है वे ही प्रवेश कर सकेंगे। मध्य प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालु केवल शिखर दर्शन कर सकंगे, मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। रू. 250/- की शीघ्र दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी। श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में केवल समिति के अधिकृत पुजारी को ही अनुमति है मंदिर के अधिकृत कैमरामैन पट खुलने व पूजन अर्चन का कवरेज कर प्रेषित करेंगे।

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