नागपंचमी का पर्व इस साल 2020 (Nag Panchami Festival 2020) में 25 जुलाई 2020 (25 July 2020) को मनाया जाएगा। इच्छाधारी सांप का जिक्र सिर्फ कथाओ में ही सुनने को मिलता है। इसकी वास्तविकता को आज तक किसी ने भी प्रमाणित नहीं किया है। यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इस रहस्य को सर्प विशेषज्ञ आज भी सुलझाने में लगे हुए हैं। आइये नागपंचमी के पर्व के पूर्व हम आपको इच्छाधारी नागों के कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताते हैं...
इच्छाधारी सापों से जुड़े रहस्यों के बारे में जानने के लिए लोग आज भी उत्सुक रहते हैं। अक्सर हमने कई बार फिल्मों और टेलीविजन में इच्छाधारी सापों की एक छवि देखी है। जिनका ऊपरी धड़ इंसान और नीचे का धड़ सांप को होता है। इस प्रकार की फिल्मों को हमनें कई बार देखा है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है। पुराणों के अनुसार जो सांप 100 साल तक तपस्या करता है। वह अपने पुण्य कर्म से ऐसी शक्तियां प्राप्त कर लेता है। जिससे वह किसी का रूप धारण कर सके। लेकिन ये न तो पूर्ण रूप से इंसान होते हैं और न हीं सांप। माना जाता है कि 100 साल तक जीवित रहने के बाद यह इच्छाधारी सांप बन सकते हैं।
इस बात का कई जगह पर उल्लेख भी है कि जब कोबरा सांप 100 साल की आयु पूरी कर लेता है तो उसे अपना रूप बदलने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जिसके बाद वह कई सालों तक जिंदा रह सकता है। पुराणों में तो यह भी लिखा है कि कुछ नाग तो इस प्रकार के होते हैं जो सभी प्रकार का ज्ञान रखते हैं। जिस प्रकार संत को सिद्धि प्राप्त होती है। उसी प्रकार नागों को भी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इन नागों में इस प्रकार की शक्तियां होती हैं जो किसी के भी शरीर में प्रवेश करके किसी का भी अच्छा या बुरा कर सकता है। पुराने समय की बात करें तो नागों का आकार 30 से 40 फुट का बताया गया है।
एक कथा के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने जिस नाग अगासुर से युद्ध करके उसे मारा था। वह करीब 40 फुट का ही था। महाभारत काल में भी अर्जुन ने नागकन्या उलूकी से विवाह किया था। इसके अलावा भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या अहिलवती से ही हुआ था। इसके अलावा भी पुराने समय में ऐसी अनेक कथाओं का वर्णन किया गया है। जो यह बताते हैं कि वास्तव में इच्छाधारी नागों का आस्तित्व था। माना तो यह भी जाता है कि इन इच्छाधारी सांपों के पास 'नागमणि ' होती थी। जिसे 'सांप मणि' के नाम से जाना जाता है। लेकिन वर्तमान समय में इन्हें किसी ने भी नहीं देखा। सर्प विशेषज्ञ भी इस बात को पूरी तरह से नकारते हैं। सर्प विशेषज्ञों के अनुसार इच्छाधारी सांप बिल्कुल काल्पनिक है। यह मनुष्य की अपनी ही कल्पना है और फिल्मों में दिखाई देनी वाली एक छवि है। जिसमें सापों को शरीर के साथ दिखाया गया है। इसमें सांप को आधा मनुष्य और आधा सांप दिखाया गया है। सर्प विशेषज्ञ मानते हैं कि आज तक इस बात का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है। जिससे की यह पता चल सके कि सच में इस तरह की कोई प्रजाति दुनिया में पाई जाती थी।