Mahabharat: धृतराष्ट्र से पहले गांधारी का हुआ था किसी और से विवाह! क्या आप जानते हैं महाभारत का ये रहस्य

By विनीत कुमार | Updated: February 10, 2020 12:26 IST2020-02-10T12:24:58+5:302020-02-10T12:26:29+5:30

Mahabharat: गांधारी के बारे में कहा जाता है कि उनका विवाह जबरन धृतराष्ट्र से कराया गया। इसके पीछ भीष्म पितामह वजह थे। कथा के अनुसार अंधे धृतराष्ट्र के लिए भीष्म ने गांधार नरेश की राजकुमारी का बलपूर्वक विवाह धृतराष्ट्र से कराया था।

Mahabharat in Hindi Gandhari story and her marriage with goat, know why dhritarashtra was blind | Mahabharat: धृतराष्ट्र से पहले गांधारी का हुआ था किसी और से विवाह! क्या आप जानते हैं महाभारत का ये रहस्य

धृतराष्ट्र से पहले गांधारी का हुआ था एक और विवाह!

Highlightsमहाभारत: गांधार देश के सुबल नाम के राजा की पुत्री थीं गांधारीकहते हैं कि भीष्म पितामह की वजह से जबरन गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से कराया गया

Mahabharat: धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधन संग अन्य कौरवों की मां गांधारी को लेकर भी महाभारत में कई दिलचस्प कहानियां मौजूद हैं। गांधारी दरअसल गांधार देश के सुबल नाम के राजा की पुत्री थीं। गांधार आज के अफगानिस्तान से जुड़ा है। गांधारी के ही भाई शकुनि थे जिसने दुर्योधन को पांडव के खिलाफ भड़काने में बड़ी भूमिका निभाई। 

गांधारी के बारे में कहा जाता है कि उनका विवाह जबरन धृतराष्ट्र से कराया गया। इसके पीछ भीष्म पितामह वजह थे। कथा के अनुसार अंधे धृतराष्ट्र के लिए भीष्म ने गांधार नरेश की राजकुमारी का बलपूर्वक विवाह धृतराष्ट्र से कराया था।

गांधारी को जब पता चला कि उनका पति देख नहीं सकता तो उन्होंने भी जीवन भर के लिए अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। कुछ जानकार इसे गांधारी की नाराजगी बताते हैं तो वहीं, कुछ का कहना है कि पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए गांधारी ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी। 

धृतराष्ट्र से पहले गांधारी का हुआ था एक और विवाह

एक किवदंति के अनुसार गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से कराने से पहले ज्योतिषियों ने सलाह दी थी कि उनका (गांधारी) विवाह किसी और से करा दिया जाए। ज्योतिषियों का मानना था कि गांधारी के पहले विवाह पर संकट है। इसलिए उनका विवाह पहले किसी और से करा देना चाहिए।

कहते हैं कि इसके लिए एक बकरे को चुना गया। बाद में विवाह के उपरांत बकरे की बलि दे दी गई। इस कारण गांधारी को प्रतीक रूप में विधवा मान लिया गया और फिर उनका विवाह धृतराष्ट्र से कराया गया।

धृतराष्ट्र एक शाप की वजह से थे जन्मांध

धृतराष्ट्र के जन्म से अंधे होने को लेकर भी एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार धृतराष्ट्र अपने पूर्व जन्म में एक निर्दयी राजा थे। वह किसी की भी भावनाओं का ख्याल नहीं रखते थे। अपनी खुशी के लिए वह किसी को भी परेशानी में डाल देते। कथा मिलती है कि एक बार एक हंस का जोड़ा अपने बच्चों के साथ विचरण कर रहा था। 

धृतराष्ट्र की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने आदेश दिया कि हंस की आंख फोड़ दी जाए। साथ ही हंस के बच्चों को भी मारने का आदेश दे डाला। इसके बाद हंस के जोड़े ने उन्हें श्राप दिया कि अगले जन्म में वे अंधे होंगे और उनके 100 पुत्रों का भी वध कर दिया जाएगा।

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