महाशिवरात्रि 2018: रुद्राक्ष के कितने मनकों वाली माला से होती है किस इच्छा की पूर्ति, जानें और पाएं लाभ

By गुलनीत कौर | Published: February 12, 2018 04:52 PM2018-02-12T16:52:34+5:302018-02-12T16:53:36+5:30

शिवपुराण के अनुसार इस संपूर्ण विश्व में रुद्राक्ष की माला की तरह अन्य कोई दूसरी माला फलदायक नहीं है। इस माला में अपार शक्ति है।

Maha Shivratri 2018 Types of Rudraksha mala and its benefits | महाशिवरात्रि 2018: रुद्राक्ष के कितने मनकों वाली माला से होती है किस इच्छा की पूर्ति, जानें और पाएं लाभ

महाशिवरात्रि 2018: रुद्राक्ष के कितने मनकों वाली माला से होती है किस इच्छा की पूर्ति, जानें और पाएं लाभ

हिन्दू धर्म में भगवान शिव को शंकर भगवान, रूद्र अवतार, नीलकंठ और 'भोलेनाथ' भी कहा जाता है। भोलेनाथ इसलिए क्योंकि हिन्दू धर्म के मतानुसार भगवान शिव 'भोले' हैं, वे शीघ्र ही भक्तों की मुराद सुन लेते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान दे देते हैं। भगवान शिव के अनगिनत भक्त हैं और इन भक्तों में शिव के नाम का जूनून आसानी से देखने को मिल जाता है। खासतौर से शिव पर्वों के आसपास शिव भक्त शिव जी के रंग में रंगे दिखते हैं। महाशिवरात्रि को ध्यान में रखते हुए आज हम शिव जी के रुद्राक्ष के बारे में बात करेंगे, आइए जानें  उन्हें प्रसन्न करने में लग जाते हैं। भक्त की सच्ची शिव जी का आशीर्वाद माने जाने वाले रुद्राक्ष के मानकों की शक्ति के बारे में।

भक्तों के प्रिय 'भगवान शिव'

हिन्दू धर्म में प्रत्येक देवी देवता की पूजा का विशेष विधान और पूजन नियम बताए गए हैं। मान्यता है कि नियमों का पालन करते हुए पूजा करने से भगवन प्रसन्न होते हैं और उल्लंघन करने से क्रोधित हो जाते हैं। किन्तु शिव भक्तों का यह मानना है कि भगवान शिव केवल भक्त की सच्ची आस्था देखते हैं। यदि भक्त सच्चे मन से उन्हें याद करे तो वे नियमों को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन फिर भी भक्त उन्हें प्रसन्न करने के विभिन्न प्रयास करते हैं। शिव पूजन से लेकर उनके नाम, बीज, साधना मंत्रों का जाप किया जाता है। किन्तु इन सभी जाप में 'रुद्राक्ष माला' का उपयोग किया जाना ही महत्वपूर्ण बताया जाता है।

शिव रुद्राक्ष का धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख

शिवपुराण के अनुसार: "यथा च दृश्यते लोके रुद्राक्ष: फलद: शुभ:।
न तथा दृश्यते अन्या च मालिका परमेश्वरि:।।" अर्थात इस संपूर्ण विश्व में रुद्राक्ष की माला की तरह अन्य कोई दूसरी माला फलदायक नहीं है। इस माला में अपार शक्ति है। श्रीमद्- देवीभागवत के एक श्लोक के अनुसार इस संपूर्ण विश्व में रुद्राक्ष माला एक श्रेष्ठ माला है, जिसे प्रत्येक मनुष्य को धारण करना चाहिए। इस विश्व में इस माला से बढ़कर अन्य कोई श्रेष्ठ माला नहीं है। इसी श्लोक की महत्ता को समझते हुए आज हम आपको बताएंगे कि अपनी इच्छानुसार आप रुद्राक्ष की कितने मानकों वाली और किस प्रकार की माला धारण करें। इस महाशिवरात्रि आप भी यदि अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं तो धारण करें रुद्राक्ष की माला।

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रुद्राक्ष माला के सकारात्मक प्रभाव

मान्यता है कि मनकों की संख्या के अनुसार रुद्राक्ष माला धारण करने से इच्छाएं पूर्ण होती है। इसके साथ ही यह माला शरीर के किस अंग पर धारण की जा रही है, इसका भी विशेष अर्थ एवं प्रभाव होता है
- सौ मनकों की माला धारण करने से मृत्यु पश्चात आत्मा को मोक्ष प्राप्ति होती है
- एक सौ आठ मनकों की माला पहनने से जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं। सभी रुके हुए कार्य बनते चले जाते हैं
- एक सौ चालीस मनकों वाली रुद्राक्ष माला धारण करने वाले को साहस,पराक्रम और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है
- लंबी माला के अलावा छोटी माला पहनने से भी कई लाभ मिलते हैं। रुद्राक्ष के बत्तीस मनकों की माला को धारण करने से धन, संपत्ति एवं आय में वृद्धि होती है
- 26 और 50 मनकों की माला का भी बेहद महत्व है। शास्त्रानुसार 26 मनकों की माला को सर पर और 50 दानों की माला को कंठ में धारण किया जाना चाहिए, तभी लाभ मिलता है
- रुद्राक्ष की 16 मानकों की माला को हाथ में धारण करने से मानसिक शांति मिलती है। 
- पुण्य प्राप्ति के लिए रुद्राक्ष की 108, 50 और 27 दानों की माला धारण की जाती है। अगर माला को धारण करने के साथ नियमित रूप से शिव मंत्रों का जाप भी किया जाए तो ये मालाएं उम्र भर व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती रहती हैं। 

Web Title: Maha Shivratri 2018 Types of Rudraksha mala and its benefits

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