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Chandra Grahan 2020: कल लगने वाला है साल का दूसरा चंद्रग्रहण, नहीं लगेगा सूतक काल-जानिए वजह

By मेघना वर्मा | Updated: June 4, 2020 08:55 IST

विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण तभी लगता है जब एक समय पृथ्वी दरअसल चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाता है। इस वजह से चंद्रमा पर सीधे तौर पर सूर्य की रोशनी नहीं जाती और वह पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है।

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ठळक मुद्देइस जून महीने में 5 जून को  चंद्र ग्रहण लगेगा।दोनों ही ग्रहण भारत में समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देंगे।

कल यानी 5 जून को साल का दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है। ये चन्द्र ग्रहण होगा। जून और जुलाई का ये महीना इसलिए भी खास है क्योंकि इस महीने में तीन ग्रहण लगने जा रहे हैं। अकेले जून के महीने में ही चन्द्र और सूर्य ग्रहण एक साथ लगने जा रहे हैं। हलांकि ज्योतिष शास्त्र की दृष्टी से इसे शुभ नहीं माना जाता है।

ग्रहण को आस्था की नजर से देखा जाता है। ग्रहों की चाल और राशि बदलने का असर क्या पड़ेगा इस बात को भी देखा जाता है। ग्रहण का हमारे जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। इस साल पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।

इस महीने लग रहा है दो ग्रहण

इस जून महीने में 5 जून को  चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं जून की ही 21 तारीख को लग फिर से ग्रहण लग रहा है। ये सूर्य ग्रहण होगा। दोनों ही ग्रहण भारत में समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देंगे। इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं। जिसमें से पहला ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है। 

क्या होगा ग्रहण का समय

5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो 6 तारीख को 2 बजकर 34 मिनट (सुबह) तक रहेगा। इस ग्रहण को हम अपनी नंगी आंखों से देख नहीं पाएंगे। वहीं सूर्य ग्रहण जो 21 जून को लग रहा है उसका समय सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। 

इस ग्रहण को लम्बा ग्रहण कहा जा सकता है क्योंकि इसकी अवधि 5 घंटे 48 मिनट की होगी। ये ग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या के दिन भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा। बता दें पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी 2020 को लगा था। 5 जून को लगने वाला ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण है।

Lunar Eclipse 2020: उपच्छाया चंद्र ग्रहण क्या होता है

विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण तभी लगता है जब एक समय पृथ्वी दरअसल चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाता है। इस वजह से चंद्रमा पर सीधे तौर पर सूर्य की रोशनी नहीं जाती और वह पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में ऐसा नहीं होता। असल में किसी भी चंद्र ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है। इसके बाद पृथ्वी की वास्तविक छाया वहां प्रवेश करती है।

Lunar Eclipse 2020: चंद्र ग्रहण पर नहीं लगेगा सूतक

धार्मिक विषयों से जुड़े जानकारों के अनुसार 5 जून को लगने वाला ग्रहण मात्र उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। कई जानकारों के अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण को शास्त्रों में ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा गया है। यही कारण है कि इस ग्रहण के दौरान सूतक नहीं लगेगा। आमतौर पर चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार ये ग्रहण नहीं है, इसलिए इसका खास प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।

टॅग्स :चन्द्रग्रहणपूजा पाठसूर्य ग्रहण
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